आज की तिथि
ज्येष्ठ – तीसरा माह (03)
शुक्ल पक्ष – पहला पक्ष (01 ला)
तिथि – षष्ठी ( 06 वीं )
वार/दिन- बुधवार ( 04 था वार/दिन )
आज तिथि ५१२६ /०३-०१-०६ /०४ युगाब्द ५१२६/ ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, षष्ठी बुधवार “शीतल षष्ठी/ जामाई षष्ठी” शुभ व मंगलमय हो….
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अंको में आज की तिथि
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(„• ֊ •„)♡
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♡🔆 5126/03/01/06/04♡
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युगाब्द (कलियुग) – 5126
ज्येष्ठ – तीसरा माह (03)
शुक्ल पक्ष – पहला पक्ष (01 ला)
तिथि – षष्ठी ( 06 वीं )
वार/दिन- बुधवार ( 04 था वार/दिन )
༺꧁ 5️⃣1️⃣2️⃣6️⃣ 🌞 0️⃣3️⃣🌝 0️⃣1️⃣ 🌝 0️⃣6️⃣ 🌞 0️⃣4️⃣ ꧂༻
एक शीश का मानवा,
करता बहुतक हीश ।
लंकापति रावन गया,
बीस भुजा दस शीश ।।
✍ इस संसार/पृथ्वी में मनुष्य ही ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है, हम जानते हैं ।
✍ मनुष्य/हम इसी अहंकार एवं घमण्ड में ही मस्त रहते है कि वह/हम सब कुछ करने में सक्षम है ।
✍ वह/हम इस शरीर का सदुपयोग करने की बजाए दुरुपयोग करने में ही लगे रहते है ।
✍ हम यह भी नहीं समझना चाहते है कि बीस हाथ और दस सिर का लंकापति रावण भी इस दुनिया से चला गया तो हमारी क्या बिसात है ।
✍️ दुख/तकलीफ/बीमारी आने पर हमारी स्थिति चूहेदानी में फंसे चूहे से भी बदतर हो जाती है यानि सब ओर निराशा ही निराश दिखने लगती है ।
आज तिथि ५१२६ /०३-०१-०६ /०४ युगाब्द ५१२६/ ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, षष्ठी बुधवार “शीतल षष्ठी/ जामाई षष्ठी” की पावन मंगल बेला में, क्षणभंगुर जीवन पर कोई अहम न पालने के संकल्प के साथ, नित्य की भाँति, आपको मेरा “राम-राम” ।
- प्रस्तुति – ललित अग्रवाल