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Campussamachar | NEET Result 2024 : एक ही कोचिंग के इतने टापर कैसे ? रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा students का विरोध जारी , कोचिंग संस्थानों ने अपने अपने टापर के होर्डिंग्स लगा दिये

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  • कोचिंग संस्थानों के इस मनमाने रवैया पर वरिष्ठ पत्रकार मधुकर पांडेय का कहना है कि सरकार को एक समिति बनाकर इन  पर नियंत्रण जरूर रखना चाहिए ।
  • लखनऊ में  प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि नीट यूजी 2024 (NEET Result 2024) में इस बार फर्स्ट रैंक वालों की संख्या बहुत अधिक है. कई छात्र एक ही सेंटर के हैं और उनके रोल नंबर भी आसपास हैं। 

लखनऊ,  10 जून campussamachar.com, ।   मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NATIONAL ELIGIBILITY CUM ENTRANCE TEST | NEET | NEET )  के परिणामों ( NEET Result 2024 ) को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है । भारी विरोध हो रहा है और नीट में शामिल होने वाले छात्र-छात्राएं देश के अलग-अलग हिस्सों में धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं । आरोप है कि नीट में  हाई स्कोरिंग वाले विद्यार्थियों की तैयारी एक ही कोचिंग संस्थान से हुई हैं,  इसलिए उन्हें घोषित परीक्षा परिणाम पर यकीन नहीं हो रहा है।  कई विद्यार्थियों ने तो परीक्षा परिणाम को संदिग्ध बताते हुए मिली भगत का भी आरोप लगाया है और कहा इस परीक्षा में पारदर्शिता और सुचिता नहीं दिखाई पड़ रही है ,  कांग्रेस नेता सांसद  राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाया है लेकिन इस बीच सबसे हैरत की बात यह है कि परीक्षा परिणाम को लेकर हो  रहे   विरोध के बीच कोचिंग संस्थानों ने अपने मेधावी विद्यार्थियों के नाम पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर अधिक से अधिक प्रतियोगी विद्यार्थियों को अपनी ओर आकर्षित करने का धंधा तेज कर दिया है।

NATIONAL ELIGIBILITY CUM ENTRANCE TEST | NEET | India : सब जानते हैं कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जितनी अधिक  पाठ्यक्रमों की फीस है,  उससे कहीं ज्यादा कोचिंग संस्थानों में प्रवेश की तैयारी के लिए दी जाने वाली फीस है ।  इन कोचिंग संस्थानों के देशव्यापी नेटवर्क हैं और कई कई ब्रांच   संचालित करते हैं आमतौर पर देश के कुछ नामी कोचिंग संस्थानों ने सभी प्रमुख शहरों में अपने फ्रेंचाइजी खोल रखे हैं जहां उनकी फैकल्टी और उनके निर्देशन में कोचिंग की तैयारी कराई जाती है । इन कोचिंग संस्थानों की फीस को नियमन करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के पास कोई ठोस योजना धरातल पर नहीं है और न हीं फीस निर्धारण के लिए ही कोई नियम है।  इसलिए मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे  प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए तैयारी करने वाले कोचिंग संस्थान  लाखों रुपए फीस वसूलते हैं और जहां हॉस्टल की व्यवस्था है वहां और भी अधिक फीस वसूली जाती है ।

कुल मिलाकर देखें तो मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की तैयारी करने के लिए कोचिंग संस्थान एक पूरा पैकेज विद्यार्थियों के सामने पेश करते हैं ,  आमतौर पर ऐसे कोचिंग संस्थानों के आकर्षण का केंद्र बिंदु यही विद्यार्थी होते हैं।  जब NEET  और एडवांस JEE की परीक्षाएं होती हैं और उनके रिजल्ट में विद्यार्थी टॉपर बनते हैं विद्यार्थियों के फोटो होर्डिंग पर लगाकर और विज्ञापन के सहारे अधिक से अधिक युवाओं को अपनी कोचिंग की ओर आकर्षित करते हैं।  कई बार विद्यार्थियों ने इन कोचिंग संस्थानों पर आरोप लगाए हैं लेकिन ऊंची पहुंच रखने वाले इन  कोचिंग संस्थानों पर ना तो प्रशासन का पहरा है और न ही नियमों का ।

छात्र-छात्राओं ने उठाए कई सवाल
NEET Result Controversy : लखनऊ में  प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि नीट यूजी 2024 (NEET Result 2024) में इस बार फर्स्ट रैंक वालों की संख्या बहुत अधिक है. कई छात्र एक ही सेंटर के हैं और उनके रोल नंबर भी आसपास हैं. अधिकतर छात्र-छात्राओं को 720 में से 720 अंक मिले हैं. इस वर्ष लगभग 24 लाख अभ्यर्थी नीट यूजी परीक्षा में बैठे थे. इस परीक्षा में टॉपर होना बड़ी बात है. लेकिन एक साथ 67 लोग टॉपर हो जाएं, इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. 1500 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क देने के फैसले को लेकर भी विरोध जताया जा रहा है.

NEET 2024 Score Card : कोचिंग संस्थानों के इस मनमाने रवैया पर वरिष्ठ पत्रकार मधुकर पांडेय का कहना है कि सरकार को एक समिति बनाकर इन  पर नियंत्रण जरूर रखना चाहिए । इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए   मूलभूत सुविधाओं जैसे पुस्तकालय,  क्लासरूम जैसी सुविधाओं का भी ख्याल रखना चाहिए ।  समय-समय पर निरीक्षण कर विस्तृत समीक्षा की जानी चाहिए ताकि विद्यार्थियों को न केवल कुछ अच्छी   कोचिंग की तैयारी की कर सकें बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव न पड़े।  उन्होने कहा कि हम तौर पर कई कोचिंग संस्थान तो बेसमेंट या ऐसी जगह में कक्षाएं संचालित करते हैं जहां स्वास्थ्य की दृष्टि से बच्चों को पढ़ाना उपयुक्त नहीं होता है । फिर एक क्लास रूम में भारी भीड़ जुटा कर क्लासेस चलते हैं।  इन सब बिंदुओं पर सरकार को विस्तार से ध्यान देने की जरूरत है । विद्यार्थियों के विभागों को भी चाहिए कि वह संबंधित कोचिंग संस्थान के बारे में जानकारी लेने लेने के बाद ही प्रवेश दिलाई और अगर वहां कोई कमी दिखती है तो तत्काल प्रशासन को सूचित भी करें।

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