लखनऊ. भारत तिब्बत संवाद मंच (BTSM) ने २0 अक्टूबर 1962 को भारत पर चीनी आक्रमण की 59वीं बरसी को “चीनी साम्राज्यवाद विरोधी दिवस” मना रहा है। पूर्व में भी ऐसा ही होता रहा है। 20 अक्टूबर 21 से 14 नवम्बर 21 तक चलने वाले इस राष्ट्र व्यापी जनजागरण अभियान में सभी प्रांतों में इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा गया है। इन कार्यक्रमों के अन्तर्गत चीनी साम्राज्यवाद के विरोध में धरना अथवा राज्यपाल या जिला प्रशासन (कलेक्टर या पुलिस कमिश्नर) के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर सकते हैं।
मिहिरकुमार शिकारी राष्ट्रीय महामंत्री भारत तिब्बत संवाद मंच की ओर से प्रांतों के सभी पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने स्तर से कार्यक्रम आयोजित करें। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में सरकार से आक्साई चीन की भूमि वापस लेने संबंधी संसद के संकल्प को पूरा करने,चीनी वस्तुओं की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने, परम पावन दलाई लामा के नेतृत्व में चलने वाले तिब्बत मुक्ति आन्दोलन को समर्थन देने,तिब्बत में मानवाधिकारों की हत्या व पर्यावरण विनाश पर यूएनओ में प्रस्ताव लाने एवं माध्यमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में तिब्बत पर चीनी कब्जे के इतिहास को शामिल किया जाये की मांग जोड़ सकते हैं।