- वरिष्ठ शिक्षक नेता त्रिपाठी ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर योगी सरकार एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया है और इस कार्रवाई को रोके जाने की मांग की है।
लखनऊ, 1 मई, campussamachar.com, । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट ) ने राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में वर्षों से कार्यरत टीचर्स को अन्य शिक्षण संस्थानों में समायोजित किए जाने संबंधी शिक्षा विभाग के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है और इसका कड़ा विरोध कर तत्काल रोके जाने की मांग की है ।
शिक्षक संगठन के अनुसार शिक्षकों के समायोजन के संबंध में प्रमुख सचिव दीपक कुमार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी पत्र 7 सितंबर 2022 द्वारा शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश को दिए गए निर्देश में समायोजन की कार्रवाई किए जाने हेतु आदेश प्रदान किया गया है। उल्लेखनीय है कि इन्हीं शिक्षण संस्थानों में विगत शैक्षिक सत्र में टीचर्स से संबन्धित स्थानांतरण के लंबित मामलों का निस्तारण कर पदों को भरा जा चुका है । अब ऐसी स्थिति में कार्यरत टीचर्स का बिना अधिनियम व्यवस्था के समायोजन किया जाना किसी सूरत में उचित प्रतीत नहीं होता है।
संगठन के वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 7 सितंबर 2022 द्वारा जारी आदेश पत्र का जिक्र करते हुए बताया कि विगत 20 नवंबर 1976 को पुराने मानकों के निर्धारण के प्रस्तर 2 में शिक्षक छात्र अनुपात का उल्लेख है। अब 48 साल पहले जारी इस पत्र को आधार बनाया जा रहा है जबकि 48 वर्षों तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षक नेता के अनुसार इस पत्र में यह उल्लेख है कि निर्धारित मानक से अधिक पदों पर कार्यरत टीचर्स का अन्य संस्था में यथासंभव स्थानांतरण कर दिया जाए । यदि स्थानांतरण संभव न हो सके तो कार्यरत विद्यालय में भावी रिक्त के प्रति समायोजन कर दिया जाए।
शिक्षक नेता के अनुसार समय-समय पर इसकी विभागीय समीक्षा होती रही है । उल्लेखनीय है कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 , उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड 1982 एवं अभी हाल ही में जारी उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम 2023 में टीचर्स का कार्यरत शिक्षण संस्थाओं से अन्य शिक्षण संस्थानों में समायोजन को कोई स्पष्ट प्रावधान ही नहीं है । शिक्षक नेता त्रिपाठी ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर योगी सरकार एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया है और इस कार्रवाई को रोके जाने की मांग की है।