- सेमिनार में पूरे भारत से लगभग 135 विद्वानों ने अपने – अपने शोध पत्रों का वाचन किया।
बिलासपुर , 1 मार्च,campussamachar.com, । चलो कुछ न्यारा करते हैं फाउंडेशन के हिंदी साहित्य समिति के द्वारा आयोजित द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन 28 फरवरी 2024 को हुआ। इसमें सी.एम.दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर (छः.ग.) हिंदी साहित्य के छात्र खिलेश्वर कृषे ने अपनी सहभागिता दी । सेमिनार का मुख्य विषय भारतीय गद्द साहित्य के साहित्यकारों एवं समाज सुधारकों का हिंदी साहित्य में अवदान रखा गया था।
सेमिनार में प्रमुख रुप से मुख्य वक्ता के रुप में मिशिगन टेक्नोलॉजीकल यूनिवर्सिटी मिशिगन ( संयुक्त राज्य अमेरिका) के प्रो. डॉ. प्रीतम मंडल उपस्थित रहे। सर्वप्रथम मां सरस्वती की आराधना कर सेमिनार का शुभारंभ हुआ। स्वागत भाषण के बाद चलो कुछ न्यारा करते हैं ओके संचालक मंडल अध्यक्ष राघव चंद्र नाथ ने बताया कि साहित्य कैसे संस्कृति का ज्ञान कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उन्होंने कहा किसी भी काल का अध्ययन से हम तत्कालीन मानव जीवन के रहन सहन व अन्य गतिविधियों को आसानी से जान सकते हैं।
साहित्य से हम अपने विरासत के बारे में सीख सकते हैं, अपने वाणी में डाॅ. नम्रता जैन ने बताया कि साहित्य समाज की विविधता जीवन दृष्टि और लोककलाओं का संरक्षण होता है। साहित्य समाज को स्वस्थ कलात्मक ज्ञानवर्धक मनोरंजन प्रदान करता है, जिसमें सामाजिक संस्कारों का परिष्कार होता है। रचनाएं समाज की धार्मिक भावना, भक्ति समाजसेवा के माध्यम से मूल्यों के संदर्भ में मनुष्य हित की सर्वोच्चता का अनुसंधान करती है। इस सी. के. एन. के. एच. फाउंडेशन के समिति के तत्वाधान में सेमिनार में पूरे भारत से लगभग 135 विद्वानों ने अपने – अपने शोध पत्रों का वाचन किया। जिसमें छत्तीसगढ़ से खिलेश्वर कृषे भी अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया ।