- कार्यशाला में समूह बनाया गया एवं समूह को एक कार्य दिया गया और कार्य के आधार पर छात्र-छात्रायें का मूल्यांकन किया गया और उन्हें उनकी कमजोरी एवं ताकत और कमजोरी को दूर करने का उपाय बताये गये।
बिलासपुर, 31 जनवरी । campussamachar.com, सी.एम. दुबे महाविद्यालय के प्रबन्ध एवं वाणिज्य विभाग द्वारा उद्यमिता विषय पर आई.आई.एम. के तत्वाधान में तीन दिवसीय कार्यशाला का आज 31 जनवरी को समापन हुआ। जिसके अंतर्गत उद्यमिता विषय के सम्पूर्ण पहलू पर व्यवहारिक रूप से चर्चा की गई।
शासी निकाय के अध्यक्ष, डॉ. संजय दुबे ने कहा महाविद्यालय के प्रबंध एवं वाणिज्य विभाग के द्वारा उद्यमिता विभाग पर तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजन हुआ, जिससे छात्र निश्चिततौर पर लाभान्वित हुए एवं व्यवहारिक ज्ञान में भी वृद्धि हुई होगी। जिससे छात्र – छात्रायेें अपने उद्योग भी चालू कर सकते हैं तथा अपना भविष्य भी संवार सकते हैं। शासी निकाय के सदस्य अमन दुबे ने कहा कि उद्यमिता एक रूचिकर विषय है जिसे छात्र छात्रायें अपने जीवन में उतार सकते हैं तथा उद्यमिता बिना जोखिम से सम्भव नहीं है। जोखिम लेने से ही प्रगति होती है।
cg news : कार्यशाला में समूह बनाया गया एवं समूह को एक कार्य दिया गया और कार्य के आधार पर छात्र-छात्रायें का मूल्यांकन किया गया और उन्हें उनकी कमजोरी एवं ताकत और कमजोरी को दूर करने का उपाय बताये गये। डॉ. शशीधर इस कार्यक्रम में आई. आई एम. कोलकाता की ओर से प्रतिनिधित्व किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीण पाण्डेय, अपर संचालक, उच्च शिक्षा, ने कहां कि सी.एम. दुबे महाविद्यालय के एक पुराना महाविद्यालय हैै मुझे अपार खुशी है कि महाविद्यालय उद्यमिता विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। निश्चय ही छात्र-छात्राओं को लाभ होगा। छात्र-छात्रायें भविष्य की सम्पति है एवं मैं इनको धरोहर के रूप में मानता हूं।
bilaspur news : कार्यक्रम का संचालन डॉ. यशस्वी मिश्रा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने डॉ. आदित्य दुबे, डॉ. राजेश शुक्ला, डॉ. शरद बाजपेयी, साक्षी सिंह, कु. पारूल काले का सक्रिय सहयोग रहा। छात्र छात्राओं को संयोजन करने में श्रीमती सुमेला चटर्जी की भूमिका अहम रही। डॉ. दीपक चक्रवर्ती, आई. क्यू. ए.सी के प्रभारी भी उपस्थित रहें। समस्त कार्यक्रम को प्रभारी प्राचार्य, डॉ. संजय सिंह के निर्देशन में संपादित किये गये। प्राचार्य ने यह भी बताया कि सबसे अधिक अंक पाने वाले छात्र-छात्राएं आई.आई.एम. कोलकाता में अपने प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण करेगें।