- शिक्षक नेता त्रिपाठी ने तत्काल पूर्ववर्ती इन प्रावधानों को यथावत रखे जाने की योगी सरकार से पुरजोर मांग की है।
लखनऊ 11 जनवरी । campussamachar.com, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने राज्य सरकार द्वारा अभी हाल ही में विधान मंडल द्वारा पारित उत्तर प्रदेश शिक्षा आयोग विधेयक 2023 ( UPESSC) में पूर्व से प्रावधानित शिक्षकों के हितोपयोगी प्रावधानों को हटाए जाने पर कड़ी आपत्ति की है। संगठन के वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने वर्तमान में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग एवं चयन बोर्ड 1982 के निरसन के पश्चात उसमें निहित शिक्षकों की पदोन्नतियों एवं सेवा सुरक्षा को नवगठित शिक्षा सेवा आयोग में प्रावधानों को हटाए जाने को लेकर प्रदेश का माध्यमिक शिक्षक समुदाय अत्यंत आक्रोशित है । #UPESSC
uttar pradesh news : शिक्षक नेता त्रिपाठी ने शिक्षकों से जुड़े इस अति संवेदनशील मामले की ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकर्षित करते हुए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होने कहा कि चयन बोर्ड की धारा 21 के हटाने से शिक्षक अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है । वरिष्ठ शिक्षक नेता त्रिपाठी ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती चयन बोर्ड की धारा 12 एवं धारा 18 शिक्षकों की पदोन्नतियों से जुड़ा मुद्दा है , जो इंटरमीडिएट एक्ट 1921 में विहित प्रावधानों के अनुसार 50% सीधी भर्ती से रिक्त पदों को भरे जाने और 50% पदोन्नतियों से शिक्षकों के पदों को भरे जाने की व्यवस्था है, जिसे चयन बोर्ड की धारा 12 से गठित समिति द्वारा मान्य किया जाता है , उसी प्रकार धारा 18 (क) के अंतर्गत संस्था प्रधानों के रिक्त पदों को आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थी के आने तक तदर्थ पदोन्नति कर उन्हें पद का वेतन भुगतान करने का प्रावधान रहा है, जो नए विधेयक में प्रावधानित नहीं किया गया है ।
#lucknownews : इस प्रकार आयोग द्वारा धारा 21 प्रबंध तंत्र से उत्पीड़ित शिक्षक को विधिवत परीक्षण कर उस पर अपना निर्णय देने के प्रावधान को भी नहीं शामिल किया गया है। इन बिंदुओं को लेकर शिक्षक समुदाय में सरकार के प्रति दिनों दिन आक्रोश बढ़ रहा है। शिक्षक नेता त्रिपाठी ने तत्काल पूर्ववर्ती इन प्रावधानों को यथावत रखे जाने की योगी सरकार से पुरजोर मांग की है।