लखनऊ, 23 दिसम्बर। campussamachar.com, विद्यार्थियों को अक्षरों और शब्दों की पूजा करनी चाहिए। अक्षरों की पूजा करके ही कालिदास महाकवि कालिदास बने और तुलसीदास महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी। दुनिया में जितने भी साहित्यकार, वैज्ञानिक और नेतृत्व करने वाले पैदा हुए हैं , सभी ने अक्षरों की पूजा करके ही ऐसी बौद्धिक संपदा हासिल की है और सभी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुए हैं , इसलिए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि अक्षरों और शब्दों की पूजा करें और जीवन को सार्थक बनाने के लिए आगे बढ़े।
नव नालंदा महाविहार नालंदा (बिहार) (Nava Nalanda Mahavihara (Deemed to be University Ministry of Culture, Government of India Bhikshu Jagdish Kashyap Marg, Nalanda – 803111 Bihar, India ) के संस्कृत विभाग अध्यक्ष और प्रोफेसर विजय कुमार कर्ण ( Prof. Vijay Kumar Karn Professor, Sanskrit ) ने (गत दिवस 22 दिसम्बर 2023 ) यह विचार एसएसजेडी इंटर कॉलेज फैजुल्लागंज, लखनऊ (SSJD Inter college Faizulahganj , lucknow ) में आयोजित अतिथि व्याख्यान में व्यक्त किए। प्रोफेसर कर्ण ने विद्यार्थियों को अक्षरों का महत्व बताते हुए कहा कि अक्षर कभी नष्ट नहीं होता है, इसलिए अक्षरों की रचना, सृजनशीलता को समझते हुए उन्हें अपने पूज्य के रूप में मानते अध्ययन करना चाहिए। प्रोफेसर कर्ण ने कहा कि जो सोता है वह कलयुग है, जो उठ खड़ा होता है वह द्वापर है, जो चलता है वह त्रेता है और जो चलता ही रहता है चलता रहता है , वही सतयुग है और ऐसा इसलिए भी है कि मनुष्य को कर्म करते समय फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए । मनुष्य को अपने जीवन की मंजिल प्राप्त करने के लिए चलते ही रहना है चलते ही रहना है। #प्रोफेसर विजय कुमार कर्ण
देश की बौद्धिक संपदा और देश के गौरवशाली अतीत की चर्चा करते हुए प्रोफेसर कर्ण ने विद्यार्थियों को नालंदा विश्वविद्यालय का गौरवशाली अतीत बताया । कहा कि वहां दुनिया के 10 हजार विद्यार्थी अंतवासी के रूप में रहकर पढ़ाई करते थे और उन्हें पढ़ाने के लिए डेढ़ हजार विद्वान थे। वह दुनिया का इकलौता विश्वविद्यालय था , जहां बड़ी संख्या में विदेशी छात्र पढ़ने के लिए आते थे और पढ़ाई के लिए उनकी प्रवेश परीक्षा के लिए द्वारपाल ही सवाल पूछता था । इनमें चीन का यात्री हवेनसांग भी था जो एक बार प्रवेश परीक्षा में फेल हो गया, लेकिन उसने पुनः तैयारी करके नालंदा विश्वविद्यालय में प्रवेश पा लिया और अपनी पढ़ाई पूरी की। #Prof. Vijay Kumar Karn
#Motivational News :विद्यार्थियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए प्रोफेसर कर्ण ने विज्ञान , संस्कृत और हिंदी के विषयों को रोचक तरीके से प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह अपने देश के समृद्धशाली अतीत को समझते हुए भारत के निर्माण के लिए अपना सक्रिय योगदान तभी दे पाएंगे जब वह अपने विद्यार्थी जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे । कार्यक्रम में विद्यालय ( SSJD Inter college Faizulahganj , lucknow ) के निदेशक डॉ जेपी मिश्र ने प्रोफेसर विजय कुमार कर्ण को धन्यवाद ज्ञापित किया। #Motivational News