रायपुर. छत्तीसगढ़ के शासकीय प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानपाठकों, संकुल समन्वयकों को संकुल प्रभारियों के बीच लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के आयुक्त के एक पत्र से हड़कंप मचा हुआ है। प्रधान पाठक और शिक्षक पहले से ही बेसलाइन सर्वे, मिडडे मील का सूखा राशन वितरण, छात्रवृत्ति,पुस्तक वितरण जैसे अनगिनत काम के बोझ के तले हुए हैं। इन सबके बीच आयुक्त के इस पत्र में दिए गए निर्देशों को लेकर काफी हलकान है।
२२ सितंबर को जारी किए गए इस पत्र में कहा गया है कि 15 सितंबर को आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में यह पाया गया है कि राज्य के केवल 32.5% बच्चों का ही आंकलन हो पाया है। आकलन की इस प्रक्रिया में लगभग 50 फ़ीसदी शिक्षकों ने ही डाटा प्रविष्टि की है। आकलन विद्यार्थियों में लगभग 76% विद्यार्थी अपनी कक्षा स्तर पर हैं, जो वर्तमान कोविड-19 स्थितियों को देखते हुए तर्कसंगत एवं विश्वसनीय प्रतीत नहीं होता है।
इसलिए कई फैसले लिए गए हैं। आयुक्त की ओर से भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि 25 से 29 सितंबर 2०२1 तक राज्य में आकलन के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। पूर्व में दिए गए प्रश्न पत्रों का उपयोग करते हुए शत-प्रतिशत बच्चों का आकलन किया जाए इस अभियान में पूर्व में आकृत बच्चों को भी शामिल करते हुए उनका भी पुन: आकलन कराया जाए।
पत्र में दूसरा महत्वपूर्ण निर्देश यह है कि आंकलन पश्चात संकुल स्तर पर शिक्षकों की बैठक बुलाएं। इसमें संकुल प्रभारी और संकुल समन्वयक विद्यालय की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच दूसरे विद्यालय के शिक्षकों से करवाएं। इस बैठक में शाला के आधे शिक्षकों को बुलवाएं ताकि शाला संचालन प्रभावित ना हो, इसे दृष्टिगत रखते हुए ३० सितंबर को कक्षा 1,2,३ तथा छठवीं के बच्चों का एवं 1 अक्टूबर को ४,५ एवं ७, आठवीं के बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं का आंकलन संकुल स्तर पर किया जाए।
आयुक्त की ओर से आगे निर्देश दिए गए हैं कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के पश्चात शाला संचालन को प्रभावित किए बिना आधे-आधे शिक्षकों को संकुल स्तर पर बुलाकर 4 एवं 5 अक्टूबर को आंकड़ों की प्रविष्टि पूर्ण कराई जाए। पोर्टल में अंकों की प्रविष्टि में सुधार हेतु एडिट का ऑप्शन उपलब्ध है। निर्देश के अनुसार आंकलन संबंधित समस्त कार्यों का दायित्व संकुल प्रभारी एवं संकुल समन्वयक का होगा, जिस संकुल के 95% से कम बच्चों के आंकलन की प्रविष्टि होगी, उस संकुल प्रभारी एवं संकुल समन्वयक पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
अंत में कहा गया है कि संभाग एवं जिले के परफॉर्मेंस की राज्य स्तर पर समीक्षा की जाएगी। इसलिए अभियान को सभी संभागीय संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारी पूरी गंभीरता से लें तथा तथा नियमित रूप से मानीटरिंग करें। समीक्षा भी करें।
प्रधानपाठक कल्याण संघ की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ प्रधानपाठक कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष सीके महिलांगे ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए क हा कि आयुक्त को यह आदेश परीक्षा पूर्व जारी करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि स्थिति यह हो गई कि आज शिक्षक , शिक्षक नहीं है । वह लिपिक बन गया है। शिक्षकों को अपना मूल कार्य , पढ़ाने-लिखाने का समय पर अन्य कार्य करने में व्यतीत करना पड़ रहा है और इस कारण शिक्षा का स्तर नीचे जा रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि इस पर शासन को विचार करना चाहिए और सभी स्कूलों को एक -एक कम्प्यूटर और इंटरनेट, और कम्प्यूटर आपरेटर की नियुक्ति होनी चाहिए,क्योंकि आज हर कार्य आनलाईन हो रहा है। ऐसा करने से बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।