- जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन के अगले कदम के रूप में प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के निजी मोबाइल में जबरन डाउनलोड करा ई गई सभी सरकारी ऐपों को अनस्टाल करने का काम करेंगे तथा जिले एवं प्रदेश स्तर पर शांति पूर्ण आंदोलन करने की घोषणा करेंगे।
लखनऊ, 26 नवंबर । campussamachar.com, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक)। शिक्षक संघ, उ.प्र. प्रान्तीय अध्यक्ष योगेश त्यागी , प्रान्तीय कोषाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह, प्रान्तीय महामन्त्री नरेश कुमार कौशिक की ओर से प्रदेश के म्ख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को भेजे गए पत्र में बेसिक शिक्षा विभाग में लिए जा रहे निर्णयों को मनमाना बताते हुए न्याय मांगा है । पत्र में कहा गया है कि महानिदेशक महोदय स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा लगातार बेसिक शिक्षा में प्रयोग के नाम पर प्रदेश के लाखों शिक्षकों को प्रताड़ित करने का कार्य कर रहे है। जबरदस्ती प्रदेश के बेसिक शिक्षकों पर कर्मचारी आचरण एवं अनुशासन नियमावली, बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली के विरुद्ध जाकर मनमाने आदेश भय दिखाकर थोपने की कोशिश कर रहे हैं जबकि प्रदेश का बेसिक शिक्षक प्रदेश की संवैधानिक संस्था बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की नियमावली के अंतर्गत कार्य कर रहा है।
UP BASIC SHIKSHA PARISHAD : नेताओं का कहना है कि कोई भी नियम बनाने, परिवर्तन संशोधन करने, अथवा लागू करने हेतु प्रस्ताव परिषद में लाकर एवं बैठक कर पारित किया जाना चाहिए । परन्तु परन्तु पिछले 05 वर्षों से बेसिक शिक्षा परिषद को अस्तित्वहीन कर दिया गया है। परिषद के सदस्यों के अधिकारों को छीन लिया गया है या अतिक्रमण कर लिया गया है। यह बेसिक शिक्षा परिषद पिछले लगभग 05 वर्षों से अस्तित्वहीन कर दी गयी है। यह किसी संवैधानिक संस्था के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। किसी एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा की भेंट बेसिक शिक्षा परिषद को नहीं चढ़ाया जा सकता।
UP BASIC NEWS : विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में टेबलेट दिए गए उनमें सिम और डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया परन्तु महानिदेशक महोदय जबरदस्ती प्रदेश के बेसिक शिक्षक से अपनी आई0डी0 से निजी नाम से सिम और डेटा शिक्षक के पैसे से खरीदने का दबाव बना रहे है। प्रदेश का बेसिक शिक्षक सरकारी कार्य में अपना व्यक्तिगत विवरण देने हेतु विल्कुल ही सहमत नहीं है।
UP BASIC SHIKSHA NEWS : 10 नवम्बर 2023 को पत्र जारी कर प्रदेश के सभी शिक्षकों को अपने निजी मोबाइल, निजी सिम, निजी नम्बर, निजी आई0डी0, निजी डेटा से 08:45 से 09 बजे प्रातः के मध्य आनलाइन उपस्थिति मय फेस के देने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रकार के नियम विरुद्ध आदेशों से प्रदेश का लाखों बेसिक शिक्षक एवं उनके परिवार आक्रोशित एवं आंदोलित हैं।
UP BASIC SHIKSHA NEWS : नेताओं के अनुसार ऐसे आदेशों को जारी करते हुए हुए यह भी ध्यान नहीं रखा गया कि इस साइबर क्राइम के युग मे विभाग में कार्यरत महिला शिक्षकों की फोटो की सुरक्षा कौन करेगा? साथ ही विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों की फोटो सहित उपस्थिति से 14 साल से कम आयु के बच्चों को भेजने से बाल अधिकार अधिनियम का उलंघन होगा। उसका जिम्मेदार भी शिक्षक को ही ठहराया जाएगा। महोदय, वातानुकूलित कक्ष में बैठकर प्रदेश के उच्च अधिकारी बेहद कठिन एवं दूरस्थ क्षेत्रो में पढ़ रहे नन्हे मुन्ने बच्चों का भविष्य तय कर रहे हैं।
campus News : इसके लिए उन अधिकारियों को धरातल पर जाकर बच्चों के अभिभावकों एवं कार्य कर रहे शिक्षकों की कठिनाइयों को भी देखना होगा। उपस्थिति सम्बन्धी आदेश करते समय यह भी ध्यान नहीं रखा गया कि विभिन्न प्रकार की भौगोलिक स्थिति वाले प्रदेश में आज भी सैकड़ों गांव ऐसे है। जिनमें जाने के साईकिल के भी रास्ते नहीं है। हजारों ऐसे गाँव है जिनमें आज भी आवागमन के साधन नहीं है। यद्यपि सभी शिक्षक विद्यालय समय पर जा रहे है जिसका प्रमाण महानिदेशक महोदय द्वारा कई महीनों तक लगातार कराए गए सघन निरीक्षणों से स्ष्ट है। परन्तु यदि कोई शिक्षक गांवों के गलियारों में गन्ने, धान आदि की भरी ट्रैक्टर, बैलगाड़ी, के फंसे होने की दशा में, बाइक या साइकिल खराब होने की दशा में, या नदी पर नाव न मिलने की दशा में रास्ते मे लेट होगा तो वह अनुपस्थित माना जायेगा।
UP School News : शिक्षक विलंब से ही सही विद्यालय में उपस्थित होने के बाद भी अनुपस्थित होकर उस दिन के वेतन से वंचित हो जाएगा। ऐसे आदेश केवल शिक्षकों को प्रताड़ित करने तथा सरकार के प्रति शिक्षकों एवं उनके परिवारों को आक्रोशित करने के लिए किए जा रहे हैं। इसके इतर प्रदेश के किसी भी विभाग में किसी भी कर्मचारी, अधिकारी की उपस्थिति आन लाइन नहीं ली जा रही है।
परन्तु बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी शिक्षक को गुरु न मानकर चोर समझते हुए इस प्रकार की व्यवस्था जबरन लागू करने का प्रयास भयभीत करके कर रहे हैं। साथ ही दूसरी तरफ महानिदेशक प्रदेश के बेसिक शिक्षकों की न्यायोचित किसी भी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं और न ही सरकार के सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं।
संगठन ने गिनाई समस्याएँ
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक)। शिक्षक संघ के नेताओं ने समस्याएँ भी गिनाई है । इनका कहना है कि वर्ष 2013 से जनपदों के अंदर स्थानांतरण नहीं हुए, वर्ष 2015 से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं कि गयी, 17140-18150 की वेतन विसंगति 15 वर्षों से नहीं दूर की गई जिससे प्रदेश का 40 हजार शिक्षक प्रभावित है। पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत भी कार्यमुक्ति की कार्यवाही लंबित रखना, कैश लेश कित्सा सुविधा न देना।
वर्षों से प्रोन्नति वेतनमान शिक्षकों को न दिया जाना, ई०एल० की सुविधा शिक्षकों को न देना, शिक्षण कार्य के अतिरिक्त तनाम गैर शैक्षणिक कार्य शिक्षकों से लगातार कराना। शासनादेश में मध्यान्ह भोजन बनवाने की व्यस्था ग्राम प्रधान द्वारा होने के बाद भी उक्त कार्य शिक्षकों से करवाना फिर मध्यान्ह भोजन के नाम पर प्रताड़ित करना। अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि न करना, 01 अप्रैल 2005 से पूर्व विज्ञापित विशिष्ट बी0टी0सी0 के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन से आच्छादित करने सम्बन्धी सूचना से जानबूझ कर वंचित करना।
इन समस्याओं का समाधान न होने के कारण नियम विरुद्ध मनमाने आदेशों से आहत होकर सरकारी संसाधनों के अभाव में प्रदेश का बेसिक शिक्षक वह सभी सेवा नियमावली एवं नियम विरुद्ध आदेशों का वहिष्कार करता है। नेताओं ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा लगातार किये जा रहे नियम विरुद्ध आदेशों को निरस्त करने हेतु निर्देश देने का कष्ट करें।
UP BASIC SHIKSHA PARISHAD NEWS : तथा शिक्षकों की सभी न्यायोचित समस्याओं का बिन्दुवार समाधान करने हेतु भी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें। जब तक सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता है तब तक प्रदेश का बेसिक शिक्षक इसी प्रकार ऐसे सभी आदेशों का बहिष्कार करता रहेगा। जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन के अगले कदम के रूप में प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के निजी मोबाइल में जबरन डाउनलोड करा ई गई सभी सरकारी ऐपों को अनस्टाल करने का काम करेंगे तथा जिले एवं प्रदेश स्तर पर शांति पूर्ण आंदोलन करने की घोषणा करेंगे।