- शुरू से ही आध्यात्म से जुड़ाव होने के कारण बड़े होने पर संत सतराम दास उनके आध्यात्मिक गुरु बने और उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति से उन्हें पहचान लिया कि ये बालक विलक्षण है।और इसमें दैवीय शक्तियां हैं।
भिलाई, 1 नवंबर । campussamachar.com, सांई झूलेलाल धाम ३२ एकड़ हाऊसिंग बोर्ड भिलाई में आज 01 नवंबर 2023 बुधवार को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अमर शहीद सन्त कंवर राम जी ( Shahadat Diwas Sant Kanwar Ram ji) का शहादत दिवस आदर्श सिन्ध ब्रादर मण्डल एवं साईं झूलेलाल धाम महिला मंडल के द्वारा मनाया गया।शहादत दिवस के आयोजन में सर्वप्रथम अमर शहीद संत कंवर राम जी के तैल्य चित्र पर समाज के सदस्यों द्वारा माल्यार्पण किया गया। फिर महिला मंडली की सदस्यों के द्वारा सिन्ध औऱ हिन्द के अमर शहीद संत कंवर राम जी ( Shahadat Diwas Sant Kanwar Ram ji) के शहीदी दिवस पर उनकी शहादत और कुर्बानियों की गाथा उपस्थित सभी भक्तों को सुनाई गई और उनकी स्मृति से संबंधित भजन गाकर,गीत,संगीत भाषण के आयोजन करवाकर 84 वें शहादत दिवस पर उनको समाज द्वारा याद किया गया।कार्यक्रम के समापन में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को दो मिनट का मौन धारण करवाकर एवं दीप प्रज्वलित कर साईं झूलेलाल धाम 32 एकड़ हाऊसिंग बोर्ड भिलाई में अमर शहीद संत कंवर राम जी को शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
Shahadat Diwas Sant Kanwar Ram ji : महिला मंडली के सदस्यों को समाज के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कृष्णानी जी ने संत कंवर राम जी ( Shahadat Diwas Sant Kanwar Ram ji) की जीवनी के किस्सों के बारे में बताया कि वे अति निर्धन परिवार से थे।और अपनी शिक्षा आश्रम में रहकर गुरुओं से प्राप्त करते थे।उनके माता जब बचपन में जब उन्हें कुँअर (चना) बेचने भेजते थे।तो वे पूरा चना बेचने के बजाय सत्संग हो रहे स्थानों पर बांट आते थे। और अपने माता पिता से कहते थे ।यही असली सच्ची कमाई है।शुरू से ही आध्यात्म से जुड़ाव होने के कारण बड़े होने पर संत सतराम दास उनके आध्यात्मिक गुरु बने और उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति से उन्हें पहचान लिया कि ये बालक विलक्षण है।और इसमें दैवीय शक्तियां हैं।
chhattisgarh news today : वे जब लाल चोला और पीली पगड़ी पहन कर ईश्वर का गुणगान करते थे । तो पशु पक्षी भी एक स्थान पर एकत्र होकर उनके द्वारा गाये भजन सुनते थे।एक बार एक महिला उनके पास एक मरे हुए बच्चे को लायी और कहा कि गुरुदेव मेरे बच्चे को लोली (लोरी) दीजिये। जब उन्होंने जाना कि ये बच्चा मरा हुआ है।तो उन्होंने भैरवी राग आलापकर ईश्वर से लाज बचाने की प्रार्थना की तो वह बच्चा जीवित हो गया। परंतु विधि के यह घटना विधि के विधान के विपरीत थी। और संत कंवर राम ने अपना शरीर छोड़ने के 40 दिन पहले अपने सभी भक्तों के सामने यह घोषणा कर दी थी कि मैं 40 दिन बाद मैं अपना शरीर छोड़ दूंगा। अंत के 40 दिनों में वे हर दिन अपने भक्तों को एक विशेष संदेश देते थे। उनका हर सन्देश अपने देशप्रेम,धर्म की रक्षा,मानवता,प्रभु मार्ग की प्राप्ति से जुड़ा रहता था। परंतु आतंकियों को उनकी इस शिक्षा से समाजों में बढ़ रहा देशप्रेम,एकता,भाईचारा और सुधार नही भा रहा था और इसलिए उनके द्वारा घोषित किये हुए 40वें दिन उन्होंने घोषणा की कि यह मेरा आखरी सत्संग है। बाहर मेरा कोई इंतजार कर रहा है। बाहर जाते ही घात लगाकर बैठे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। इस तरह देश का एक सच्चा देशप्रेमी संत ( Shahadat Diwas Sant Kanwar Ram ji) देश के लिये शहीद हो गया।
bhilai news : इस शहादत दिवस के आयोजन अवसर पर आदर्श सिंध ब्रादर मंडल के अध्यक्ष धर्मेंद्र कृष्णानी,संरक्षक सुरेश नागदेव, कोषाध्यक्ष हरीश लालवानी, वरिष्ठ सदस्य अमित पाहुजा, सचिव अनिल थारवानी,अमृत कृष्णानी,मुकेश बढ़ानी साईं झूलेलाल धाम महिला मंडली की ओर से कमला भगत,निकिता लालवानी,ज्योति वलेचा,निर्मला कृष्णानी,मंजू पाहुजा,दीपा धनकानी,भाव्या बढ़ानी,सोनल पाहुजा,परिधि वलेचा समाज की ओर से उपस्थित थी।