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GGU NEWS : प्रवाहमान महानदी है हिंदी : कुलपति प्रो. चक्रवाल

बिलासपुर. गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghassidas Vishwavidayalaya )के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि भाषा स्वयं प्रवाह तय करती है और हिंदी भाषा महानदी के समान प्रवाहमान है जिसका वेग एवं प्रभाव सदा एक समान रहता है।
ये बातें Guru Ghassidas Vishwavidayalaya के कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल हिंदी दिवस के अवसर पर 14 सितंबर, रजत जयंती सभागार में आयोजित कार्यक्रममें कही। मुख्य अतिथि निकष परमार वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार रहे। इसके अतिरिक्त मंचस्थ अतिथियों में कुलसचिव प्रो. शैलेंद्र कुमार, अधिष्ठाता कला विद्यापीठ प्रो. डी.एन. सिंह एवं Guru Ghassidas Vishwavidayalaya के राजभाषा अधिकारी अखिलेश तिवारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रांरभ दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती तथा संत गुरु घासीदास बाबा के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर हुआ। परंपरा के अनुसार सभी मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किताब से किया गया। विश्वविद्यालय के राजभाषा अधिकारी ने स्वागत उद्बोधन दिया। तत्पश्चात कला विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. डी.एन. सिंह ने हिंदी दिवस के पावन अवसर पर मीडिया में हिंदी की चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निकष परमार ने कहा कि हिंदी दिवस पर हिंदी के साथ दुनिया की समस्त भाषाओं को शुभकामनाएं क्योंकि सभी भाषाएं एक दूसरे से सीखती हैं। मीडिया में हिंदी भाषा की चुनौती पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया व्यावसायिक माध्यम होने के कारण उसमें समय की बाध्यता आ जाती है। इस अवसर पर उन्होंने अपने कविता संग्रह पृथ्वी पर जन्म लेने के बाद से कविता के कुछ अंश सभागार में उपस्थित श्रोताओं को सुनाया।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. चक्रवाल ने हिंदी दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि हिंदी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हिंदी भाषा समृद्ध एवं शक्तिशाली है जो सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता रखती है। हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो राष्ट्र को उत्तर से दक्षिण एवं पूवज़् से पश्चिम तक एक सूत्र में बांधती हैं। इस अवसर पर Guru Ghassidas Vishwavidayalaya के कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने अपनी पुस्तक प्रतिबिंब के कुछ अंश साझा किये।
Guru Ghassidas Vishwavidayalaya के हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ. राजेश मिश्रा की नवप्रकाशित पुस्तक उत्तर आधुनिक कथा लेखन और मनोहर श्याम जोशी का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। इसके बाद Guru Ghassidas Vishwavidayalaya के कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने स्मृति चिह्न एवं शॉल व श्रीफल भेंट कर मुख्य अतिथि निकष परमार का सम्मान किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने किया। संचालन डॉ. गौरी त्रिपाठी सह-प्राध्यापक हिंदी विभाग ने किया।

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