रायपुर. छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को मिलने वाले राज्य शिक्षक स्मृति पुरस्कार की गुणवत्ता को लेकर एक प्रधान पाठक ने तीखे सवाल उठाए है, चयन प्रक्रिया में उनकी योग्यता, साहित्यिक उपलब्धियों को नजरअंदाज किया गया है। ये प्रधानपाठक हैं डॉ.जगदीश दास कुलदीप। डॉ. जगदीश दास वर्तमान में बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक के लिमतरी संकुल में स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नरगोली में प्रधान पाठक हैं। डॉक्टर जगदीश दास कुलदीप ने अपने प्रकरण के संबंध में संयुक्त संचालक बिलासपुर संभाग को पत्र लिखकर विस्तार से अपनी पीड़ा व्यक्त की है। संयुक्त संचालक को भेजे गए पत्र में डॉ.जगदीश दास ने कहा कि राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार वर्ष 2020-21 की प्रविष्टियों के चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही है। उन्होंने कहा है कि अपनी जो प्रविष्टियां और आवश्यक अर्हता के दावे के साथ प्रस्तुत की थी। साहित्यिक और शिक्षकीय कार्य की गुणवत्ता को समर्पित थीं, इस समय का जीवंत और सामूहिक जरूरत को समाहित करता शैक्षिक-सामाजिक दवाओं पर चिंतन और निराकरण प्रस्तुत करता कोरोना ! हम न मरब 20-21 तथा स्वत:स्फूर्त विभिन्न विषयों में सामाजिक-शैक्षिक-सांस्कृतिक प्रांतीय बिंदुओं पर मेरी शोधपरक किताबें छत्तीसगढ़ के युवागीत, साहित्यिक, सांस्कृतिक, अनुशीलन, मनखे पन लगाना हे, देखात जुड़ाए नैना, मानवीय ऊर्जा, उष्मा नैतिकता के अध्ययन तथा विभिन्न प्रदेशों और जिलों में शोध के नवोन्मेष को खंगालता मेरे वैचारिक आलेखों की प्रस्तुतीकरण के सामानांतर मुझे, मेरी संभावनाओं को खारिज करना समझ से परे है। प्रधान पाठक ने अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए आगे पत्र में लिखा है कि खारिज करने से सकारात्मक और योजनाबद्ध योजनाएं कहीं न कहीं हाशिएं पर चली गईं तथा अनुप्रेरक संदर्भों की जड़ों पर मट्ठा डालने तथा हतोत्साहित करता प्रतीत होता है, जिससे नैरंतर्य सुरुचि पूर्ण कार्य का प्रारूप क्षोभित और हताहत तथा मानसिक आघात पहुंचाया जाना सदृश लगता है। प्रधानपाठक डॉ.जगदीश दास कुलदीप ने संयुक्त संचालक से आग्रह किया है कि उपरोक्त स्थितियों पर सम्यक संज्ञान और जांच कर सामाजिक और शैक्षिक न्याय प्रदान करने की कृपा करें। इस पत्र की एक प्रति संचालक स्कूल शिक्षा विभाग संचालनालय छत्तीसगढ़ रायपुर को भी भेजी है।
सीके महिलांगे ने भी कहा -न्याय जरूरी
प्रधान पाठक की इस पीड़ा पर छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के अध्यक्ष सीके महिलांगे ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि ऐसे गुणवान और प्रतिभावान शिक्षकों का सम्मान करे। महिलांगे ने कहा कि यदि 2021 में डॉ.जगदीश दास कुलदीप को सम्मान नहीं मिल पाया है तो सरकार को चाहिए कि अगले साल उन्हें हर हाल में पुरस्कृत करे। महिलांगे ने का यह भी कहना है कि अगर ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों को सम्मानित नहीं किया जाएगा तो इसका लगनशील और मेहनती शिक्षकों के कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
जरूरत पड़ी तो जांच होगी
उधर इस मुद्दे पर बात करते हुए आरएस चौहान joint director education (स्कूल शिक्षा विभाग बिलासपुर संभाग) ने कहा कि उन्हें डा.जगदीश दास कुलदीप की अब तक शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसी शिकायत है तो वे इस मामले का जरूर संज्ञान लेंगे। जरूरत के अनुसार जांच भी कराएंगे। उन्होंने इस बात से इनकार कि पुरस्कार के चयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई है।