- पदोन्नति संशोधन आदेश निरस्तीकरण के खिलाफ कोर्ट में दायर किया मुकदमा, आर्थिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित हुए शिक्षक
भिलाई, 7 सितम्बर । campussamachar.com, लंबे अरसे की लड़ाई के बाद शिक्षकों का संविलियन 2018 में हुआ था। इसके बाद वर्ष 2022 में पदोन्नति हेतु शिक्षकों के 5 साल की सेवा अवधि की अनिवार्यता के नियम को शिथिल करते हुए वन टाइम रिलेक्सेशन की पॉलिसी के अंतर्गत 2022 में प्रधानपाठकों का व 2023 में शिक्षकों का प्रमोशन कॉउंसलिंग के माध्यम से किया था। जिसमें से कुछ शिक्षकों ने पदोन्नति हेतु असहमति दी थी कई ने सहमति दी थी और कॉउंसलिंग में मिली शालाओं में पदोन्नति लेकर जॉइनिंग भी कर ली थी। परंतु कुछ साथियों ने असुविधा होने के कारण संशोधन हेतु आवेदन दिया था।
cg teachers news : लेकिन संशोधन के लिए प्राप्त आवेदनों पर मंत्रियों एवं प्रभारी अधिकारियों की अनुशंसा से संशोधन आदेश जारी कर दिया गया था। जिससे शिक्षक नवीन संशोधित आदेश के अनुरूप शाला में कार्यभार ग्रहण कर पिछले तीन माह से सेवाएं भी दे रहे थे। परंतु शिक्षामंत्री के बदलते ही आरोप प्रत्यारोप का दौर शासन प्रशासन के बीच में शुरू हो गया और शासन ने अपने आप को पाक साफ साबित करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया। इससे शिक्षक बहुत परेशान हैं ।
bhilai education news : पीड़ित शीशकों ने बताया कि अभी 3 सितंबर को पूरे छत्तीसगढ़ के पदोन्नति के संशोधन आदेशों को निरस्त करने का फरमान जारी कर दिया। जिससे कि शिक्षक वर्तमान में मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं। अपने खिलाफ हो रही इस नाइंसाफी का विरोध करने और उचित न्याय लेने के लिए शिक्षकों ने न्यायालय की शरण लेकर सरकार के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में मुकदमा भी दायर कर दिया हैऔर शिक्षक अपने खिलाफ हुई नाइंसाफ़ी के लिए आर पार की लड़ाई के मूड में है।
bhilai news today : हाईकोर्ट में 53 शिक्षकों का मुकदमा दायर करते समय दुर्ग ब्लाक के शिक्षकों के साथ छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के ब्लाक अध्यक्ष युवराज बेलचंदन के नेतृत्व में संजय चंद्राकर,खिलेश्वर देशमुख,सतीश चंद्राकर,अविनाश अवस्थी, हफिसुद्दीन, राजेंद्र साहू, राजेन्द्र वहेकर, दानेश्वरी साहू, अनिता वर्मा, विभा गुप्ता, ममता महिलांगे उपस्थित थे।