- सरकार की जिम्मेदारी है कि यह शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने के लिए तत्काल तौर पर अवैध वसूली रोकी जाए और जरूरत पड़ने पर विद्यालयों में छापामारी कर वास्तविक जांच पड़ताल भी सुनिश्चित की जाए।
लखनऊ, 31 अगस्त । campussamachar.com, अभिभावकों के हितों को लेकर लंबे समय से संघर्षरत पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन 11 सितंबर 2023 को 15वां अभिभावक दिवस मनाया जा रहा है । इस अवसर पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है । और इसमें अभिभावकों के परिवार रिश्तेदारों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। 11 सितंबर को शाम 4:00 बजे से शुरू होगा और कार्यक्रम स्थल खुशबू पैलेस, केनरा बैंक , सेक्टर 9 बी, वृंदावन कॉलोनी, मामा चौराहा , तेलीबाग लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है ।
lucknow education news : पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पीके श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान समय में निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों का भरपूर शोषण किया जा रहा है । विद्यालयों में प्रति माह शिक्षण शुल्क के साथ मोटी धनराशि वार्षिक शुल्क लिया जा रहा है। इसी प्रकार हर साल बिना शासकीय अनुमति के, नियमों को दरकिनार कर मनमानी फीस वृद्धि की जा रही है और कई तो ऐसी मद हैं, जिनमें स्कूल प्रबंधन द्वारा मोटी रकम वसूली जा रही है । इनमें खास तौर पर मनी टर्म शुल्क, डेवलपमेंट शुल्क, लैब शुल्क, साइंस शुल्क, कॉमर्स शुल्क, साइकिल/ बाइक स्टैंड शुल्क, वार्षिक कैलेंडर शुल्क, एग्जामिनेशन शुल्क और काउंसलिंग शुल्क मुख्य हैं ।
uttar pradesh news : खास बात यह है कि शुल्क में वसूली जा रही धनराशि पर ना तो शासन का नियंत्रण है और नहीं स्कूल प्रबंधन तंत्र पारदर्शिता के साथ अभिभावकों को इस बारे में उचित जानकारी भी देता है , जब कभी अभिभावक के इस संबंध में सवाल जवाब करते हैं तो उनके बच्चों को प्रताड़ित करने की भी कई शिकायतें प्रकाश में आई है। पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पी के श्रीवास्तव ने बताया इन सभी मुद्दों पर समय-समय पर जिलाधिकारी के माध्यम से शासन तक अपनी बात पहुंचाई जाती रही है और आवश्यकतानुसार धरना प्रदर्शन भी किया गया है लेकिन शासन द्वारा निर्धारित नियमों का ही जिला विद्यालय निरीक्षक ( ,DIOS ) मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (JDR ) द्वारा किसी प्रकार का पालन नहीं किया जा रहा है।
#CBSE : उन्होंने बताया केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE ) से संबंधित स्कूलों में कुछ ज्यादा ही बच्चो को परेशान किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य यही है कि शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार ही विद्यालयों का संचालन और फीस का निर्धारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी खुद इस मामले में उदासीन और लापरवाही बरत रहे । इससे निजी प्रबंधन द्वारा वसूली का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका बुरा असर विद्यार्थियों के मानसिक स्तर पर पड़ता है। इसलिए सरकार की जिम्मेदारी है कि यह शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने के लिए तत्काल तौर पर अवैध वसूली रोकी जाए और जरूरत पड़ने पर विद्यालयों में छापामारी कर वास्तविक जांच पड़ताल भी सुनिश्चित की जाए।