- पूरे साहित्यिक अनुशासन के साथ आयोजित गोष्ठी अनिल वर्मा के मार्गदर्शन में हुआ। गोष्ठी का संचालन बारहवीं की छात्रा अल्का धीवर ने किया। आभार प्रदर्शन वर्षा भट्ट द्वारा किया गया।
बिलासपुर, 31 जुलाई । campussamachar.com, मुंशी प्रेमचंद संघर्ष के पर्याय थे। उनका बचपन कठिनाई से बीता। लेकिन वे एक समर्पित लेखक थे। हिन्दी साहित्य को उन्होंने नई दिशा दी। ये बातें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरताल में मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में प्राचार्य सुनीता शुक्ला ने कही।
cg news in hindi: गोष्ठी का प्रारंभ प्रेमचंद की तस्वीर पर तिलक, पुष्पार्पण के साथ सभी शिक्षकों ने किया। हिन्दी व्याख्याता अनिल वर्मा ने मुंशी प्रेमचंद को हिन्दी गघ साहित्य का तुलसी और भारतीय साहित्य का आईना कहा। उन्होंने आगे कहा कि संघर्ष, विपन्नता और समर्पण के बिना कोई सफल नहीं होता। उत्तर प्रदेश साहित्यकारों की जन्मभूमि है। क्योंकि वहाँ राम और कृष्ण हुए। हिन्दी की व्याख्याता वर्षा भट्ट ने प्रेमचंद को सर्वश्रेष्ठ कहानीकार और उपन्यास सम्राट बताया।
bilaspur news : गणित की व्याख्याता अदिति दुबे ने प्रेमचंद के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों को याद करते हुए बच्चों को प्रेरित किया। शिक्षक धीरेन्द्र कुमार पाठक विघार्थियों से कहा कि आज आपके पास सभी सुविधाएं है, आप मेहनत करें तो लेखन सहित सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ सकते हैं। गोष्ठी में कक्षा नवमी की मानसी, मिनाक्षी, नीलाक्षी, कक्षा दसवीं की अनुष्का कस्तुरिया, प्रीति धीवर, कल्याणी वर्मा, प्रियंका यादव, चंदा यादव, कक्षा बारहवीं की अल्का धीवर, नीलम भास्कर और मेंहदी लोनिया ने प्रेमचंद की जीवनी, कहानी, उपन्यास, नाटक और उनके साहित्य की प्रासंगिकता पर अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।
campus news : पूरे साहित्यिक अनुशासन के साथ आयोजित गोष्ठी अनिल वर्मा के मार्गदर्शन में हुआ। गोष्ठी का संचालन बारहवीं की छात्रा अल्का धीवर ने किया। आभार प्रदर्शन वर्षा भट्ट द्वारा किया गया।