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Motivation News In Hindi : Chhattisgarh के इस सरकारी स्कूल के बच्चों को अब गणवेश फटने या सिलाई उधड़ने की नहीं चिंता, शिक्षिका मीरा खुद करती हैं सिलाई

  • शिक्षिका मीरा रजक ने बताया – इस समस्या का समाधान निकालने के लिए इस शिक्षा सत्र में कुछ अलग करने का हमने ठाना और संस्था में अध्ययनरत सभी बच्चों का शाला प्रवेशोत्सव से लेकर अभी तक जैसे-जैसे विद्यालय आना हो रहा है , उन्हें संस्था में उपलब्ध दो सिलाई मशीन से दोबारा सिलाई कर देने का कार्य किया जा रहा है

बिलासपुर, 19 जुलाई । campussamachar.com, कोई यूं ही अनुकरणीय नहीं बंता है , बल्कि इसके लिए दूसरों से हट कर करना पड़ता है ।  बिलासपुर जिले के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका मीरा रजक  (Teacher Meera Rajak in Chhattisgarh ) ने कुछ ही करके  अन्य के लिए प्रेरणादायक राह दिखाई है, तभी तो इनके इस काम की हर जगह चर्चा हो रही है । यू तो रेडिमेड कपडा को लेकर लोगों में अच्छी धारणा नहीं होती है, और होगा भी क्यों , क्योंकि बड़ी संख्या में जब कार्य होता है तो कुछ न कुछ कमी रह ही जाता है । जिसके कारण रेडिमेड कपड़ो को लेकर लोगों की मानसिकता अच्छी नहीं होती है ।

bilaspur news : छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय शालाओं में कक्षा पहली से आठवी तक के कक्षा में पढने वाले सभी बच्चों को अलग-अलग मद क्रमशः सर्व शिक्षा अभियान एवं शिक्षा विभाग की ओर से दो सेट निःशुल्क गणवेश प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है , जिसके कारण पालकों को बाजार से गणवेश लेने की चिंता नहीं रहती है , जिसका उपयोग भी बच्चों के द्वारा बखूबी किया जाता है ।

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bilaspur news in hindi : बच्चों को मिलने वाले निःशुल्क गणवेश को बच्चे ज्यादा समय तक उपयोग कर सके इस उद्देश्य से झिंगटपुर पूर्व माध्यमिक शाला में कार्यरत शिक्षिका मीरा रजक  (Teacher Meera Rajak in Chhattisgarh ) ने वितरण से पूर्व दोबारा सिलाई कर वितरण करने का निर्णय लिया ।यह एक चुनौती पूर्ण कार्य रहा , जिसे साकार करने में स्वयं शिक्षिका सिलाई कार्य सीख चुके बच्चे उत्साह के साथ सहयोग करने लगे हैं । यहः कार्य बस्ताविहिन दिवस में या आवश्यकतानुसार शाला समय के दीर्घकालिक अवकाश अवधि में किया जाता है , स्वयं शिक्षिका सहित सिलाई कार्य सीख चुके बच्चे उत्साह के साथ सहयोग करते हैं । जब शिक्षिका से इस सम्बन्ध में जानकारी चाहा गया तो , उन्होंने बताया कि खेलते समय बच्चों के कपड़ा का अक्सर सिलाई उखड़ जाता है , जिसके कारण बच्चों को अच्छा नहीं लगता ।

Inspirational Story News In Hindi : इस तरह का स्थिति सामान्यतः निर्मित होते रहने से हमने (Teacher Meera Rajak in Chhattisgarh ) समाधान बतौर स्वयं या सिलाई कार्य में दक्ष हो चुके बच्चों के सहयोग से जानकारी मिलने पर सिलाई की सुविधा दी जाती है । इस समस्या का समाधान निकालने के लिए इस शिक्षा सत्र में कुछ अलग करने का हमने ठाना और संस्था में अध्ययनरत सभी बच्चों का शाला प्रवेशोत्सव से लेकर अभी तक जैसे-जैसे विद्यालय आना हो रहा है , उन्हें संस्था में उपलब्ध दो सिलाई मशीन से दोबारा सिलाई कर देने का कार्य किया जा रहा है , इस कार्य में मेरे साथ व्यावसायिक शिक्षा के तहत सिलाई कार्य सीख चुके बच्चों के द्वारा सहयोग किया जाता है । इससे अब बच्चों को शाला अवधि में खेलते समय या शाला के बाहर भी यदि गणवेश फट जाता है या सिलाई उखड़ जाता है तो चिंता नहीं होता है , वे अब शाला में आकर सिलाई कर लेते हैं, या सिलाई करा लेते हैं ।

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