- रक्तदान को शरीर के लिए सुरक्षित बताया और कहा व्यक्ति जितना रक्तदान करता है कुछ ही समय में उसके शरीर में पुनः रक्त की उतनी पूर्ति हो जाती है
लखनऊ, 14 जून । : campussamachar.com, विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर आज दिनांक 14 जून 2023 को खुन खुन जी गर्ल्स पीजी कॉलेज लखनऊ (khun khun ji girls degree college, chowk, lucknow) द्वारा प्राचार्या डॉ अंशु केडिया ( professor Anshu Kedia Principal Khun khun ji girls degree college, chowk, lucknow ) द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का विषय ,’रक्तदान और हमारा शरीर’ था जो कि रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में डॉक्टर डी.के. अवस्थी, रसायन विभाग (रिटायर्ड) JNPG कॉलेज, द्वारा रक्तदान को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों के बारे में अवगत कराया गया।
khun khun ji girls degree college lucknow : डॉ अवस्थी ने यह बताया कि रक्त का हमारे शरीर में कितना महत्व है इसकी कमी अथवा असंतुलन से कई प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक बीमारियां होती हैं। शरीर में RBC तथा WBC का संतुलन होना बहुत ही आवश्यक है। इसी क्रम में डॉ हेमवंती नंदन बहुगुणा राजकीय महाविद्यालय की डॉक्टर पूनम शुक्ला ने WHO की थीम 2023,’ Give Blood, Give Plasma, share life, share often’ विषय पर अपने विचारों से छात्राओं को लाभान्वित किया । अत्यंत ही सरल शब्दों में इन्होंने रक्त के महत्व एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला इनके अनुसार 18 वर्ष से 65 वर्ष का समय रक्तदान के लिए सर्वाधिक उचित है । रक्तदान स्वस्थ व्यक्ति को ही करना चाहिए अगर व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसके लिए रक्तदान करना उचित नहीं है। डॉ पूनम ने यह भी बताया कि महिलाओं में रक्त की मात्रा 12.5 एवं पुरुषों में 14.0 हो इसी स्थिति में रक्तदान करना सुरक्षित है।
lucknow news in hindi : कार्यक्रम के अंत में डॉ अर्चना दीक्षित, कानपुर द्वारा रक्तदान को प्रेरित करते हुए रक्तदान को शरीर के लिए सुरक्षित बताया और कहा व्यक्ति जितना रक्तदान करता है कुछ ही समय में उसके शरीर में पुनः रक्त की उतनी पूर्ति हो जाती है इसलिए रक्तदान पूर्णतया सुरक्षित है। आज समाज में रक्तदान की आवश्यकता है कई लोग स्वस्थ होते हुए भी रक्तदान करने से डरते हैं क्योंकि उनके मन में इस से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं और आज के ऑनलाइन व्याख्यान का उद्देश्य इन्हीं भ्रांतियों को व्यक्ति के मन से निकालना तथा अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना था। बाद मे धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती सुनीता यादव द्वारा किया गया।