- उत्कल सांस्कृतिक परिषद जगन्नाथ मंदिर सेक्टर 6 के सौजन्य से गत दिवस देव स्नान पूर्णिमा मनाया गया ।
- मंदिर के मुख्य सेवक पंडित तुषार कांत महापात्र ने श्री महाप्रभु की दिव्य श्रृंगार संपन्न किया।
भिलाई, 5 जून । campussamachar.com, उत्कल सांस्कृतिक परिषद जगन्नाथ मंदिर सेक्टर 6 के सौजन्य से गत दिवस देव स्नान पूर्णिमा मनाया गया । भगवान की पवित्र जन्म उत्सव है, भगवान पुरुषोत्तम है, भगवान बाइक एवं आंतरिक शुद्धि के लिए महा स्नान करते हैं । ज्येष्ठ महीना पूर्णिमा तिथि इस पूर्णिमा को देव स्नान पूर्णिमा कहते हैं, शाब्दिक अर्थ में जोशना अर्थात जब देवता को स्नान कराया जाता है ।
उत्कल सांस्कृतिक परिषद जगन्नाथ मंदिर सेक्टर 6 के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि इस दिन विभिन्न देव मंदिरों में देव प्रतिमाओं को एक विशेष शायरी में स्नान करा जाता है। श्री क्षेत्र में भगवान श्री जगन्नाथ बलभद्र सुभद्रा एवं सुदर्शन की दिव्य काष्ठ निर्मित प्रतिमाओं के मुख्य मंदिर को गर्भगृह मिलाकर स्नान विधि के उत्तर कोण में विराजित किया जाता है। विस्तृत कर्मकांड एवं पूजा विधि बेदी पर ही पूर्ण की जाती है, यद्यपि प्रतिदिन नित्य स्नान श्री मंदिर के गर्भ दिया कि एक प्रतीक के रूप में कराया जाता है किंतु वर्ष में एक बार एक विशेष सूचना पूर्णिमा के दिन यथार्थ मैं जल द्वारा विग्रह को संपूर्ण रुप से मंदिर में खुले अहाते में स्नान कराया जाता है। इस दिन संध्या के समय श्री विग्रह का गणपति श्रृंगार किया जाता है और भक्तजन श्री गणेश रूप में अपने प्रिय भगवान के दर्शन करते हैं ।
श्री क्षेत्र में इस समय लाखों भक्तों का समागम होता है। योग साधना द्वारा शरीर की अंग तथा समस्त ग्रंथि इत्यादि स्वच्छ होते हैं, मन पवित्र होता है, बुद्धि स्थिर होती है एवं साधना में सफलता प्राप्त होती है । अतः प्रत्येक व्यक्ति को साधना के द्वारा अपने जीवन में प्रतिदिन नान यात्रा करना चाहिए अनंता पवित्रता ही ईश्वर अनुभूति का पथ उसका उक्त उद्गार उत्कल संस्कृतिक परिषद श्री जगन्नाथ मंदिर के महासचिव अरुण पंडा जी ने व्यक्त किए। परिषद के सौजन्य से देव स्नान पूर्णिमा उत्सव संपादित किया गया।
मंदिर के मुख्य सेवक पंडित तुषार कांत महापात्र ने श्री महाप्रभु की दिव्य श्रृंगार संपन्न किया। इस आयोजन में सर्वश्री परिषद के अध्यक्ष दिलीप मोहंती ललित पानी ग्राही, राजेंद्र पंडा, अरुण आचार्य, शशि भूषण मोहंती, सुभाष साहू, संजय साहू, दंडापानी पात्र, रविंद्र साहू, अमृतवाणी, राजलक्ष्मी पंडा, सुचिस्मिता नायक, संजीव साहू, ज्योतिर्मयी पंडा, योगेश्वरी महापात्र, पूजा मोहंती एवं अन्य भक्तजन उपस्थित थे।