भोपाल : प्रदेश को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। सोलर पैनल के द्वारा विद्युत उत्पादन से न केवल प्रदेश विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा अपितु हम अपने वातावरण को भी हो रहे कार्बन उत्सर्जन से बचा सकेंगे। इसी तारतम्य में संचालनालय तकनीकी शिक्षा म.प्र. के समस्त इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक में सोलर उर्जा द्वारा विद्युत उत्पादन कर महाविद्यालयों को पूर्ण रूप से विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। इसी आशय से राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में सोलर ऑफ़ ग्रिड पर एक सप्ताह के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमे प्रदेश के 33 इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज ने भाग लिया।
प्रशिक्षण एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक एवं आई.आई.टी. के प्रोफेसर डॉ. चेतन सिंह सोलंकी द्वारा प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण में संस्था के व्याख्याता मोनेश जैन, सचिन शर्मा, मानचित्रकार आर.एस. रघुवंशी, इंस्ट्रक्टर महेंद्र सिंह, तकनीशियन नरेन्द्र गुप्ता द्वारा सहभागिता की गई। साथ ही प्रशिक्षण में शामिल इन सदस्यों की परफॉरमेंस के आधार पर स्थानीय अशोकनगर पॉलिटेक्निक का चयन उनकी खपत का शत प्रतिशत सौर उर्जा से उत्पादन वाले प्रदेश के बारह इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज के साथ किया गया।
महाविद्यालय के प्रशिक्षण प्रतिभागी मोनेश जैन और सचिन शर्मा ने बताया की प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा एवं पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार गुप्ता की उपस्थिति में प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने महाविद्यालय के चयन की घोषणा की।
संस्था प्राचार्य के.एन. झा ने बताया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश 2023 के अंतर्गत प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के पूर्णतः सौर उर्जा से विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है | शत प्रतिशत सौर उर्जा से विद्युत उत्पादन करने हेतु संस्थाए इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से विद्युत कनेक्शन करवाकर ऑफ़ ग्रिड सोलर प्लांट स्थापित करेगी। इन सोलर प्लांट से न कवर संस्थाएं उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगी अपितु कार्बन उत्सर्जन भी नियंत्रित होगा।
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