कवन सो काज, कठिन जग माही।जो नहीं होत, तात तुम्ह पाहीं ।। मनुष्य संसार का ऐसा प्राणी/जीव है जिसके लिए कुछ भी करना असंभव नहीं है ।सवामी विवेकानंद जी कहते है “मान लो तो हार है और ठान लो तो जीत है।कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर (प्रयास) तो तबियत (भरपूर मन से) से उछालो …
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