- कल पूरे प्रदेश का कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर एनपीएस के प्रति अपना विरोध दर्ज कराएगा एवं सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेगा।
लखनऊ, 31 मार्च । campussamachar.com, उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 को पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद करके नई पेंशन व्यवस्था लागू की कर दी गई थी, जिससे प्रदेश के लाखों लाख शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों का बुढ़ापा असुरक्षित हो गया। क्योकि 30 – 35 साल काम करने के बाद पुरानी पेंशन ही एक मात्र सहारा होती थी । पिछले काफी सालो से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग अटेवा करता रहा है। आंदोलन के विभिन्न आयामों के माध्यम से अपनी मांग को सरकार के सामने सदैव रखता रहा है।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने बताया कि 1 अप्रैल 2005 को उ0प्र0 सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर NPS लागू कर दिया गया था। NPS लागू हो जाने से उ0प्र0 का 14 लाख कर्मचारी पेंशनविहीन हो गया है। इसलिए 1 अप्रैल हमारे लिए काला दिन है क्योंकि हमारे लिए इसी दिन काला कानून लागू किया गया कल पूरे प्रदेश का कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर एनपीएस के प्रति अपना विरोध दर्ज कराएगा एवं सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेगा।
अटेवा के प्रदेश महामंत्री डॉ0.नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि आज राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल हो गई। अब वक्त आ गया है कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करे।
प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ0राजेश कुमार ने उ0प्र0 सरकार से मांग करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी का पेंडिंग वेतन है। पुरानी पेंशन किसी भी कर्मचारी की सामाजिक सुरक्षा और बुढ़ापे की लाठी है। सरकार कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन बहाल कर कर्मचारियों को तोहफ़ा दे।