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GGU Bilaspur : नए कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने की डीन के साथ मीटिंग, नैक मूल्यांकन-नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर जोर

बिलासपुर. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU-Central university) में नए कुलपति (Vice-Chancellor )प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल (Prof. Alok Kumar Chakrawal ) ने कुर्सी संभालते ही कामकाज को गति देने के लिए अपना मिशन शुरू कर दिया है। नई शिक्षा नीति (NEP)पर क्रियान्वयन के साथ ही विवि के नैक (NAAC)मूल्यांकन जैसे कार्य उनकी पहली प्राथमिकता में है और सोमवार को अधिष्ठाता की बैठक में यह जता भी दिया। उन्होंने संक्षिप्त बैठकों में साफ कर दिया कि उन्हें काम पसंद है और वे सभी के साथ मिलकर विवि को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।

सोमवार को कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल का पूरा दिन बैठकों और अधिकारियों-कर्मचारियों से मिलने में बीता। वे सुबह से ही जुट गए। कुलपति (Vice-Chancellor ) प्रोफेसर चक्रवाल (Prof. Alok Kumar Chakrawal ) की अध्यक्षता में सभी विद्यापीठों के अधिष्ठाताओँ एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा अपनी-अपनी विद्यापीठों का परिचय प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में 26 जुलाई आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय शिक्षा का मंदिर है जो आने वाले समय में उत्साह, उमंग, उल्लास और प्रसन्नता का द्योतक बनेगा।

सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन कर मां सरस्वती की प्रतिमा एवं बाबा गुरु घासीदास जी के चित्र पर माल्यापज़्ण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के तरंग बैंड द्वारा सरस्वती वंदना एवं कुलगीत की प्रस्तुति दी गई। कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने कुलपति (Vice-Chancellor )प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल (Prof. Alok Kumar Chakrawal ) का परिचय दिया।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने अधिष्ठताओं, विभागाध्यक्षों, अधिकारियों, कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा जगत की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के अपने संकल्प को दोहराते हुए सभी से समुचित सकारात्मक, संगठित सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि मन, वचन एवं कर्म से संत गुरु घासीदास जी के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय रूप वृक्ष को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वटवृक्ष के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
कुलपति Prof. Alok Kumar Chakrawal ने कहा कि हमारे पास संभावनाएं, अवसर और लक्ष्य उपलब्ध हैं जिन पर अग्रसर होकर हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को विश्वविद्यालय में लागू कर सकते हैं। नैक की तैयारी के लिए भी समयबद्ध एवं चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस महायज्ञ में सभी से संवाद, सामंजस्य एवं सहयोग स्थापित होगा।

अधिष्ठाता ने फैकल्टी की दी जानकारी
इससे पूर्व विश्वविद्यालय की समस्त ग्यारह विद्यापीठों के अधिष्ठाताओं एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा विभागों का संक्षिप्त परिचय एवं उपलब्धियों के विषय में जानकारी कुलपति (Vice-Chancellor ) के समक्ष प्रस्तुत की। प्रोफेसर चक्रवाल (Prof. Alok Kumar Chakrawal ) एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. नीलाबंरी जी का स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

कुलपति ने बैठक भी की
कुलपति Prof. Alok Kumar Chakrawal ने इसके पहले 9.30 बजे से 12 बजे तक दो अन्य बैठकों की अध्यक्षता भी की। जिसमें समस्त विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, निदेशक मानव संसाधन विकास केन्द्र के साथ समस्त अधिकारियों एवं अधिकारियों से परिचय प्राप्त करते हुए अपनी प्राथमिकताओँ को रेखांकित किया। उल्लेखनीय है कि कुलपति (Vice-Chancellor ) प्रोफेसर चक्रवाल (Prof. Alok Kumar Chakrawal ) ने 24 जुलाई को नए कुलपति का चार्ज लिया है। इसके पहले प्रोफेसर अंजिला गुप्ता कुलपति (Vice-Chancellor ) थीं।

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