भिलाई 2 फरवरी . प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शुरू किए गए ” माय गिफ्ट टू गॉड” परमात्मा को मेरा उपहार महाशिवरात्रि प्रोजेक्ट के अंतर्गत महाकाल की नगरी उज्जैन से पधारी ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी ने आज सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में बताया कि हमें अटेंशन और चेकिंग के द्वारा व्यर्थ के खाते को समाप्त करना है, ना बोल में न संकल्प में न कर्म में। व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल, व्यर्थ कर्म हमारा समय और जीवन की शांति खत्म कर देते हैं, सिर्फ बार-बार अटेंशन दो और चेकिंग करो तो जीवन से व्यर्थ का खाता समाप्त हो जाएगा।
ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी ने बताया कि शिव अर्थात सदा कल्याणकारी तो हमें भी कर्म में तो क्या संकल्प स्वप्न में भी किसी का अकल्याण न करना है न सोचना है सब को बिना शर्त दिल से क्षमा करना है। परमात्मा सुख का सागर है तो हमें भी सबको मनसा वाचा कर्मणा सबको सुख देना है, दुआएं देनी है। मेरा तेरा वैर विरोध मान अपमान सबकुछ सब कुछ शिव पर अर्पण करना है यही सबसे बड़ी गिफ्ट है मेरी परमात्मा को । परमात्मा शिव के लिए कहते हैं गायन है उसकी आज्ञा से ही पत्ता पत्ता हिलता है हम मनुष्य आत्माएं इस कल्पवृक्ष के जीवंत पत्ते हैं इसीलिए पत्ते पत्ते का पता है उस शिव पिता को ।
आशा दीदी ने ऊषा दीदी के बारे में बताया कि महाकाल की नगरी उज्जैन में आपके स्नेह और सहयोग से चार बार कुंभ मेले के आयोजन द्वारा अनगिनत लोग राजयोग मेडीटेशन एवं परमात्म संदेश से लाभान्वित हुए। उषा दीदी ने बताया कि हमारा श्रेष्ठ संकल्प है और हम करनहार की स्मृति से कार्य करते हैं तो करनकरावनहार जगत नियंता हमारी मदद के लिए बंधा हुआ है। अटेंशन और चेकिंग की विधि द्वारा व्यर्थ की लीकेज को समाप्त करना है। दुआएं हमारे जीवन को निर्विघ्न बनाती हैं । दिन भर के व्यस्त जीवन में कर्म करते हुए भी एक मिनट साइलेंस के अभ्यास द्वारा मन के विचारों के ट्रैफिक को कंट्रोल करो। कमी कमजोरियों का चश्मा निकालकर विशेषता देखने का चश्मा धारण करो । परचिंतन परदर्शन जैसे परपंचो के बजाय स्वदर्शन, स्व चिंतन करो तो जीवन जीने का नजरिया बदल जाएगा। जीवन में शांति होगी।
ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी ने आज स्वयं अशांत होकर दूसरों को भी अशांत कर देते । अभी से सोचो तैयारी में लग जाओ कि मैं परमात्मा को क्या उपहार दूं। लक्ष्य से हटाने के लिए 10 प्रकार की बातें हतोत्साहित करने के लिए आएंगे लेकिन मुझे दृढ़ता से स्वयं का परिवर्तन कर परमात्मा को गिफ्ट देना है। ज्ञात हो कि माय गिफ्ट टू गॉड मेरा उपहार परमात्मा को शिवजयंती प्रोजेक्ट पूरे जोन में एक साथ प्रारंभ हुआ है जिसमें सभी ब्रह्मावत्स 21 दिवसीय चिंतन मनन करके अपने जीवन की कमी कमजोरियों को परमात्मा को गिफ्ट के रूप में अर्पण करेंगे।