बिलासपुर। हम नमन करते हैं हरदी पारा शासकीय शाला में पढ़ने वाले बच्चों के पालकों और ग्रामीणों का । वजह भी कम दिलचप नहीं है दरअसल इस शासकीय शाला के परिसर में काफी खरपतवार और झाड़ लगे हुए थे । इससे मैं केवल बच्चों को आने जाने में परेशानी होती थी बल्कि जीव-जंतुओं का भी हर वक्त खतरा बना रहता था। कई बार बालकों ने शासकीय शाला प्रबंधन से इस बात की शिकायत भी की और शिक्षकों ने भी अपने स्तर से भरपूर प्रयास किया लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी रही।
campus news : आखिर में शिक्षकों के मार्गदर्शन और पालकों के सामूहिक प्रयास से एक नया रास्ता निकला । यह था श्रमदान का । शासकीय शाला में पढ़ने वाले बच्चों के पालकों ओर ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से फावड़ा , कुदाल और अन्य सफाई उपकरण के साथ एकत्रित होकर इस शाला परिसर को साफ करने का बीड़ा उठाया। पालक एकजुट होकर शाला पहुंचे और शिक्षकों के मार्गदर्शन व मदद से शाला परिसर की साफ-सफाई शुरू की । इनमें महिलाएं , युवा व युवटतियाँ अधिक उत्साहित थी । माताएँ जिन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई साफ-सुथरे माहौल में करने की चिंता सता रही थी ।
motivational news : सभी पालकों ने पूरी तल्लीनता के साथ परिसर की साफ सफाई की । हालांकि यह काम अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन आज श्रमदान के महत्व को रेखांकित करते हुए पालकों ने एक नई राह हम सबको दिखाई है । उम्मीद की जानी चाहिए सरकार या सत्ता के सहारे रहकर समाज परिवर्तन की बात करना उपयुक्त नहीं होगा । संभव हो सकता है लेकिन हमें सिर्फ किसी के सहारे नहीं बैठे रहना है। निश्चित तौर पर श्रमदान का यह प्रयास न केवल सराहनीय है बल्कि समाज के उन पालकों के लिए अनुकरणीय है जो शाला के माहौल को मददगार बनाने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं और सिर्फ आलोचनाएं करते रहते हैं । आइए हम सब इस खास मुहिम को आगे बढ़ाएं ताकि हमारी साथ ही शाला में भी साफ सुंदर और स्वच्छ माहौल में नौनिहाल देश के भावी नागरिक के रूप में एक अच्छी जिम्मेदारी का निर्वहन करें । हमें याद रखना चाहिए विद्यालय का माहौल ही बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए प्रेरित करता है और भविष्य में उन्हें एक अच्छे योग्य नागरिक की। बनने की राह दिखाता है।