नई दिल्ली। आज पूरा देश अपने प्रिय नायकों में से एक नेता जी सुभाष चंद्र बॉस की 126 वीं जयंती मना रहा है । भारत सरकार इसे पराक्रम दिवस के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मना रही है । इसलिए आज जरूरी है कि हम सब अपने नायक को नमन करें । उनकी यादें और विचारों को अपने दिल में उतारें और मनन करें कि हम अपने देश के लिए क्या कुछ कर सकते हैं ।
हॉ, नेता जी सुभाष बाबू जी को यदि हम नायक मानेंगे तो हमें प्रेरणा मिल सकती है कि हम भी उनकी तरह मातृभूमि के लिए अपना सब कुछ अर्पण करने का साहस जुटा सके, जिसकी आज बहुत ज्यादा आवश्यकता है। प्रसंगत: बता दूं कि सुभाष ने एक भाषण में कहा था कि यह मत सोचिए कि आप देश पर कोई उपकार कर रहे हैं, यह आपका सौभाग्य है कि आप इस समयावधि पर उपस्थित हैं और आपको देश के लिए कुछ करने का मौका मिल रहा है। आने वाली पीढ़ी आपके इस भाग्य पर ईर्ष्या करेगी।
देश के प्रिय नायक नेता जी सुभाष मानते थे कि मांग कर स्वतंत्रता, न्याय और खुशहाली नहीं मिल सकती है, आपको इनके दाम चुकाने पड़ते हैं, पहले हो तो कम दाम पर यदि बाद में देनी पड़े तो बहुत ज्यादा, कई गुणा दाम। सुभाष गीता से प्रेरणा लेते थे। गीता भले ही कर्मफल को विधाता का अधिकार बताती है परंतु अविरत कर्म करने का उपदेश भी देती है वह भी अपने विवेक के अनुसार। इसलिए उन्होने कहा था कि तुम हमें खून दो हम तुम्हें आजादी दूंगा और उन्होने आजादी दिया । इसलिए आजादी को बहुत संभाल कर रखने की जरूरत है। नेता जी आपको बहुत बहुत नमन।