रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठान समितियों, स्व सहायता समूहों एवं गोबर विक्रेताओं के खाते में 3 करोड़ 7 लाख 18 हजार रूपए की राशि अंतरित की। अंतरित राशि की गई इस राशि में गौठान समितियों और स्व सहायता समूहों का 2 करोड़ 45 लाख रूपए का लाभांश शामिल है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक गौठानों में क्रय किए गए गोबर के एवज में 95 करोड़ 94 लाख रूपए का भुगतान किया गया है, जिससे एक लाख 68 हजार 531 पशुपालक किसान एवं ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में गोधन न्याय योजना की सफलता के लिए इस योजना के क्रियान्वयन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भागीदार सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गोधन सुपर कम्पोस्ट मोबाइल एप का भी लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो डेयरी व्यवसाय संचालन अथवा गौपालन करना चाहते हैं, उनके लिए गोधन न्याय योजना के कारण यह अब आसान हो गया है, क्योकि गोबर के विक्रय से उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में निर्मित समस्त गौठानों के संचालन के लिए समितियों का गठन एवं उन्हें सक्रिय करनेे के निर्देश दिए, ताकि इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्रिय गौठानों में गोबर खरीदी से ग्रामीण और पशुपालकों की आय बढ़ी है, जिससे उनके लिए दैनिक जीवन में उपयोगी सामग्रियों को क्रय करना आसान हुआ है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा है। पार्लियामेंट कमेटी ने केन्द्र सरकार से इस योजना को लागू करने की अनुशंसा की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से पशुपालकों, किसानों से 96 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी से ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि स्व सहायता समूहों से जुड़ी 80 हजार महिलाओं को आजीविका का काम मिला है। वह अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं। मंत्री श्री चौबे ने कहा कि अभी मात्र 5590 गौठान सक्रिय हैं, जबकि 9950 गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है।
कार्यक्रम में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिय़ा, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय रूचिर गर्ग एवं प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी डॉ. एस.भारतीदासन, उद्यानिकी एवं पशुचिकित्सा संचालक माथेश्वरन वी. एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।