बिलासपुर. bilaspur education news : छत्तीसगढ़ में विस्तृत मैकल पर्वत श्रेणी की सबसे उंची चोंटी राजमेढ़गढ़ पहाड़ी जो कि गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में तंवाडबरा गांव के पास विस्तृत है। यह पहाड़ी समुद्र सतह से 1170 मीटर उंची हैं। इस पहाड़ी का ऐतिहासिक गुफा सूर्योदय प्राकृतिक सौंदर्य और इसके उपर निवासरत् बैगा परिवारों के जीवनशैली का छात्रों ने आवलोकन किया। इस भ्रमण दल का नेतृत्व डाॅ. पी.एल. चन्द्राकर, डाॅ. के.के. शुक्ला, प्रो. के.प्रसाद एवं प्रो. रोहित लहरे ने किया।
CMD College Bilaspur news : राजमेढ़गढ़ के पहाड़ी में लगभग 40 बैगा परिवार बिखरे निवास में निवासरत् हैं। ये परिवार वनोपज, पशुपालन, और छोटी-मोटी भूमि पर परम्परागत् कृषि करके अपना जीविकोपार्जन करते हैं। ठण्ड के दिनों में कभी-कभी पहाड़ी पर बर्फ जम जाता है। बैगा परिवार ठण्डी से बचाव अलाव जलाकर करते हैं। अपनी आवश्यकता के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पैदल चलकर आवागमन करते हैं। अवलोकन में पाया गया कि बैगा लोग शयन के लिए खाट का उपयोग नहीं करते हैं।
स्थानीय साधू-संतों और बुजुर्ग बैगा लोगों की मान्यता है कि पहाड़ी के उपर स्थित गुफा रहस्यमय है। जिसके अंदर कायाकल्पी संत आज भी तपस्यारत् हैं जिनका समय-समय पर दर्शन मिलता है। यह गुफा प्राचीनकाल में स्थानीय राजघराने के धन संपादा को सुरक्षित रखने का स्थान है। इस भ्रमण दल में छात्र अनिल जायसवाल, सत्येन्द्र वाडेकर, ममता यादव, लीलावती, नारायण रात्रे, सचीन सूर्यवंशी, मुकेश साहू आदि छात्र/छात्राएं भाग लिए।
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