भोपाल. मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्राध्यापकों को अपने आचरण एवं संस्कारों के आदर्श को सामने रखते हुए विद्यार्थियों को शिक्षा देनी चाहिए। पाठ्यक्रम में लौकिक एवं पारलौकिक दोनों प्रकार के विषयों को स्थान दें। उन्होंने कहा है कि छात्र हमारे देश की संपत्ति हैं। देश को विकास के पथ पर ले जाने वाले राष्ट्र निर्माता हैं। इसलिए इनके साथ हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे उनके मन में किसी भी तरह का असंतोष नहीं रहें। उनमें सेवा भाव उत्पन्न करना शिक्षकों का दायित्व है। विद्यार्थियों में यह भाव तभी जागृत होगा, जब हम सब निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का पालन करेंगे।
राज्यपाल पटेल अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के 54वें स्थापना दिवस समारोह को राजभवन भोपाल से २० जुलाई को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी शिक्षकों से कहा है कि प्रतिभाशाली छात्रों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराते हुए, उनके कौशल ज्ञान को समृद्ध करने के साथ उन्हें समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित करेंप् उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा है कि उन्हें विचार करना चाहिए कि हम अपने समाज, प्रदेश और देश के विकास के लिए क्या कर रहे है और क्या कर सकते हैं। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि देश और समाज के उत्थान के कार्यों में छात्रों के सक्रिय योगदान देने पर ही राष्ट्र का भविष्य निर्भर करता है। हर युग और समय में युवा वर्ग के सामने समस्याओं से जूझने की चुनौती रहती है, आगे भी रहेगी। इसलिए शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे युवा वर्ग में दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढऩे और समस्याओं से जूझकर विपरीत धाराओं का रुख मोडऩे का विश्वास और संकल्प शक्ति उत्पन्न करे।
स्थापना दिवस समारोह में कुलपति भटिंडा विश्वविद्यालय पंजाब के आर.पी. तिवारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रहित और राष्ट्रहित केन्द्रित है। नीति की मंशा ऐसी प्रजातांत्रिक शिक्षा प्रणाली बनाना है, जो युवाओं को शिक्षित, प्रशिक्षित कर, उनकी सामाजिक उपादेयता को प्रभावी बनाए। उन्होंने कहा कि नीति के सभी आयामों को सफलता पूर्वक लागू करने में विश्वविद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। कुलपति डॉ. रामकुमार आचार्य ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी, विश्वविद्यालय से जुड़े सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्राध्यापक शामिल थे।