कोरबा. chhattisgarh education news विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों, आम लोगो तथा बड़ी संख्या में महिलाओं ने 25 अक्टूबर की शाम हुए सूर्यग्रहण को रिफलेक्टर टेलिस्कोप से देखने का आनंद लिया। दीपावली अमावस्या के अवसर पर भारत समेत अनेक देशों में सूर्यग्रहण देखने का संयोग दिखाई दिया। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की कोरबा इकाई ने सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक अवधारणाओं के साथ अवलोकन कराने के लिए न्यूटोनियन टेलिस्कोप उपलब्ध कराया था। विज्ञान कार्यकर्ता ,डॉ फहराना अली, निधि सिंह,दिनेश कुमार,डिक्सन मसीह ,साद अली, माज अली, सुमित सिंह ,सर्वज्ञ सिंह,कमलेश दास महंत, के सहयोग से लाल ग्राउंड सीएसईबी कोरबा पश्चिम में सूर्य ग्रहण पर जागरूकता का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
सूर्यग्रहण शुरू होने के पहले ही शाम 4.30 बजे से लोगों को फिल्टर लगाकर सुरक्षित तरीके से सूर्य का अवलोकन कराना प्रारंभ कर दिया गया था। इसके साथ ही उन्हें सूर्य ग्रहण का वास्तविक कारण समझाया जा रहा था कि किस प्रकार सूर्य के चारों ओर घूमते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के आ जाने से सूर्य का प्रकाश अवरोधित हो जाता है। इस कारण से सूर्य का प्रभावित हिस्सा हमें दिखाई देना बंद हो जाता है । चंद्रमा ही हमे अब सूर्य के प्रभावित हिस्से पर काले रंग की वृताकार डिस्क की तरह अवरोध बनाता दिखाई देता है।
लोगों को संबोधित करते हुए विज्ञान सभा के कार्यकर्ताओ द्वारा बताया गया कि यह घटना कोई दैवीय घटना नहीं है बल्कि एक सामान्य भौतिक घटना है इसलिए लोगों को इसके आड़ में फैलाए गए अंधविश्वासों से बचना चाहिए। उन्होंने सूर्य ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखने के तरीको के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा समाज में व्याप्त अंधविश्वासों के सम्बन्ध में विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए। ग्रहण के दौरान खाने पीने से बचने के अंधविश्वास का जवाब देते हुए विज्ञान कार्यकर्ताओ द्वारा ग्रहण के दौरान पानी पीकर और दाल बड़ा खाकर दिखाया गया। सीएसईबी के इंजीनियर कविता ठक्कर , अंशुमन शर्मा एवं आरसीआर रस कार्यकर्ता गौरव कुमार यादव सपरिवार कार्यक्रम में उपस्थित रहे ।विद्यार्थियो द्वारा अपने फीडबैक में विज्ञान सभा के इस कार्यक्रम की सराहना की गई और छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की कोरबा इकाई को धन्यवाद दिया गया।