दिल्ली/लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री,समाजवादी पार्टी के संस्थापक संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party, dies at 82 years ) के निधन का समाचार आते ही उनके लाखों-करोड़ों समर्थकों की आंसू आ गए। अपनों के बीच नेता जी और पहलवान जी के नाम से ख्यातिप्राप्त मुलायम सिंह यादव ने राजनीति में आने से पहले एक शिक्षक के रूप में समाज की नयी पीढ़ी को शिक्षित करने का काम किया और फिर राजनीति में आए। अब उनकी विरासत बेटे व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव संभाल रहे हैं।
राजनीति में नेता जी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party) के चरखा दांव के आगे बड़े से बड़े राजनेता फेल होते गए और नेता लगातार आगे बढ़ते गए। सैफई के एक सामान्य परिवार के होने के बावजूद अब जब वे दुनिया से विदा हो गए हैं तो इस गांव को एक बड़े शहर के रूप में जरूरी सुविधाओं से लैस कर दिया है।
राजनीति के बड़े पुरोधा
नेता जी(Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party) को राजनीति विरासत में नहीं मिली थी। वे सेल्फ मेड थे और उनकी राजनीति समाज के दबे-कुचले और पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और कमजोर वर्गों के लिए थी। वे इसे पूरी जिंदगी निभाते रहे और इसे पूरे वर्ग को राजनीति,सामाजिक और आर्थिक आजादी दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी के नाम से एक अलग पार्टी बनाई।
एकलौते ऐसे नेता
मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party) राजनीति में हमेशा से श्ुाचिता के पक्षधर है। उन्होंने पूरी राजनीति ईमानदारी से की। उनकी राजनीति में कभी कोई दाग नहीं लगा और जबकि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर देश के कैबिनेट मंत्री तक में जिम्मेदारी निभाते रहे। वे हमेशा राजनीति को समाज को आगे बढ़ाने का हथियार ही मानते थे और उन्होंने ताउम्र से निभाया।
वंचितों,दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों किया संगठित
मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party) के राजनीति में आने से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में वंचितों,दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों का कोई वजूद नहीं थे। वे केवल वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किए जाते थे।केवल चुनाव के वक्त ही समाज को लोग याद करते थे लेकिन जैसे-जैसे मुलायम सिंह यादव का राजनीति में उदय होता गया, यह पूरा समाज न केवल संगठित हुआ बल्कि एक राजनीतिक ताकत के रूप में प्रदेश में पनपा।विधानसभा और लोकसभा में इस समाज की आवाज बुलंद होने ली। यह सारा श्रेय मुलायम सिंह यादव को जाता है।
जातिवाद नहीं समाजवाद के पक्षधर
सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party) कभी जातिवाद के पक्षधर नहीं रहे बल्कि वे समाजवाद के पक्षधर थे। वे समाज के कमजोर वर्ग को समाजवाद के रास्ते पर विकास के लिए आगे लाए। डॉ.राम मनोहर लोहिया, लोक नायक भारत रत्न जय प्रकाश नारायण,मधु लिमये और चौधरी चरण सिंह जैसे समाजवादी विचारकों व चिंतकों की विचाधारा को अपने जीवन व राजनीति में उतारा।
क्या कहते हैं समाजशास्त्री
प्रख्यात समाजशास्त्री प्रोफेसर राम गणेश समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party) के निधन को समाज की अपूरणीय क्षति बताते हैं। वे कहते है कि मुलायम सिंह ने राजनीति में एक नयी इबारत लिखी और यह है कि समाजवाद विकास की। वे जाति से हटकर समाज के वंचितों,दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों को आगे लाकर उन्हें संगठित किया। राजनीति से लेकर हर क्षेत्र में उनके विकास को आगे बढ़ाया। लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर राम गणेश का कहना है कि जातिवाद का जहर अब फैल रहा है लेकिन नेता जी ने कभी किसी एक जाति के सहारे राजनीति नहीं बल्कि वे हमेशा समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए जुटे रहे।
आगे बढ़ाएंगे समाजवादी विचारधारा
उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य अनिल यादव बहुत दुखी हैं। नेता जी (Mulayam Singh Yadav, founder of Samajwadi Party) के निधन का समाचार मिलते ही पार्टी कार्यकर्ता शोक में डूब गए। सभी नेता जी के साथ के पुराने दिनों, उनके भाषणों और उनसे मिले प्यार दुलार को याद कर रहे हैं। अनिल यादव कहते हैं कि यह बहुत ही मुश्किल वक्त है। ऐसे में हम सब नेता जी के विचारों, उनकी राजनीति और विरासत को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। पूर्व सीएम अखिलेश यादव के नेतृत्व में नेता के आदर्शों की राजनीति करेंगे।