- बिलासपुर में नेहरू चौक में चल रहा धरना-प्रदर्शन
- सौ से अधिक संगठन कर रहे हैं समर्थन
- सरकारी कार्यालयों-विद्यालयों में कामकाज ठप
रायपुर/बिलासपुर. छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन महंगाई भत्ता और एचआरए को लेकर 22 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर है। (Chhattisgarh government employees on strike for DA increase) सभी जिला मुख्यालया में धरना-प्रदर्शन और हड़ताल होने से कामकाज ठप है। फेडरेशन अपनी मांगे पूरी होने तक आंदोलन की बात कर रहा है जबकि सरकार अपने स्तर से बात कह रही है लेकिन अभी तक समाधान निकलतानजर नहीं आ रहा है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ इस महा धरना महायुद्ध में महा प्रदर्शन में कंधे से कंधा मिलाकर कर्मचारी हित में कार्य कर रहा है । समस्त छत्तीसगढ़ के प्रधान पाठकों और प्रभारी प्रधान पाठकों और सहायक शिक्षक एलबी साथियों और समस्त प्राचार्य महोदय और सम्मानीय सभी शिक्षक साथियों से विनम्र अपील की जाती है कि इस ऐतिहासिक धरना प्रदर्शन में और अनिश्चितकालीन हड़ताल में अनिवार्य रूप से शामिल होकर हड़ताल को सफल बनावे।
employees on strike : छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष सीके महिलांगे ने कहा कि कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ( CG CM ) संवेदनशील है परंतु वर्तमान समय में हम मुख्यमंत्री जी से निवेदन करते हैं कि लगभग 4 वर्ष बीतने को जा रहा है । हम लोग आंदोलन के माध्यम से केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार एचआर मांग रहे हैं । हड़ताल तो कर्मचारी वर्ग करते हैं और विधायक, मंत्री जिला पंचायत जनपद पंचायत जनप्रतिनिधियों का वेतन बढ़ता है और कर्मचारी बेचारे मजबूर होकर आज सड़क में हड़ताल करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
employees on strike : छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष सीके महिलांगे ने कहा कि मध्यप्रदेश में महंगाई भत्ता ( employees on strike ) केंद्र के समान वहां के कर्मचारियों को बिना मांगे ही दिया गया है परंतु छत्तीसगढ़ में दुर्भाग्य की बात है कि महंगाई भत्ते जैसे चीज के लिए कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़ रहा है। यह छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है जबकि छत्तीसगढ़ एक संपन्न राज्य है इसके बावजूद र्मचारियों के लिए खजाना खाली है। यह बड़ी विडंबना है। ऐसा मौका था मुख्यमंत्री जी अपने जन्मदिन पर मंहगाई भत्ता की घोषणा करके कर्मचारियों को तोहफा दिया जा सकता था जिससे मुख्यमंत्री आज छत्तीसगढ़ के सुपर मुख्यमंत्री बन गए होते परंतु ऐसा ना करके उन्होंने अपने लिए माइनस मार्किंग के हकदार हो गए हैं छत्तीसगढ़ सरकार से निवेदन करते हैं कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और तहसील कार्यालय के बंद होने से आम जनता परेशान हैं इस को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए और कुछ बीच का रास्ता निकालना चाहिए ।