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LKO News : सावन की फुहारों के साथ कजरी की जुगलबंदी पूर्वांचल की प्राचीन लोक परम्परा : डॉ लीना मिश्र

  • सावन की फुहारों के साथ कजरी की जुगलबंदी पूर्वांचल की प्राचीन लोक परम्परा : डॉ लीना मिश्र
  • भारत विकास परिषद, चौक ने बालिका विद्यालय में किया कजरी प्रतियोगिता का आयोजन
  • बरखा की फुहारों के बीच मिर्जापुरी कजरी ने मन मोहा

बाबुल के अंगना जैहौं….
झूलूंगी झूला उमंग भरे मन में….
सावन महीना मोरा जिया जले….
पर थिरकीं छात्राएं

लखनऊ. कजरी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में गायी जाने वाली प्राचीन उपशास्त्रीय संगीत विधा है जिसमें बनारस घराने की सांगीतिक विशिष्टताओं को प्रमुखता से देखा और आस्वाद किया जा सकता है। सावन के महीने में जब धरती हरे आवरण में लोकलुभावनी बन जाती है उस समय बरखा की टिपटिप बूंदों और जीवनदायिनी मां गंगा की उफनाती जलधारा से वर्षपर्यन्त अच्छी खेतीबाड़ी और सुख समृद्धि की आकांक्षा लिए तटवर्ती क्षेत्रों के लोग मां विंध्यवासिनी के प्रति आस्था भाव से कजरी गाते हुए संगीतमय आराधना करते हैं। त्यौहारों के माह में जब वातावरण की तपन कम हो रही होती है बरखा की फुहारें तन ही नहीं मन को भी भिगो रही होती हैं, बिरहनियां अपने परदेश गए पति को याद करते हुए संगीत के माध्यम से अपनी वेदना व्यक्त करती हैं। इसी समय हो रही धान की रोपाई और सावन में पड़ने वाले अनेक त्योहारों में कजरी लोकगीत परिवेश में मिसरी घोल देती है। इस समय नीम और कदम की डालियों पर पड़े झूले पर झूलती ननद भौजाइयां राधा कृष्ण की लीला का वर्णन भी कजरी गाकर करती हैं। इस तरह संस्कृति की सभी विधाओं में स्वीकार की गई कजरी एक ऐसी लोकसंगीत विधा बन गई जो पूजा अर्चना से लेकर खेती-बाड़ी, मेले-ठेले और अन्य पर्वों-आयोजनों में जनमानस को ऊर्जा और उमंग से भर देती है।

यह हमारी संस्कृति में रच बस गई है जिसे सावन में उत्सव में बदल देने में बेटियों को कौन रोक सकता है। इसलिए बालिका विद्यालय में प्रतिवर्ष सावन माह में हरे वस्त्र पहनी शिक्षिकाओं के साथ छात्राएं कजरी का गायन और नृत्य कर उत्सव मनाती हैं। आज आयोजित इस कार्यक्रम में तब और चार चांद लग गया जब कजरी गायन और नृत्य प्रस्तुति के समय वर्षा की रिमझिम फुहारें तन मन को भिगोने लगीं। विद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम भारत विकास परिषद, महिला शाखा, चौक के सौजन्य से संस्कृति सप्ताह के अंतर्गत आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय की संगीत शिक्षिका  प्रतिभा रानी के निर्देशन में हुआ। इस प्रतियोगिता में सीनियर और जूनियर वर्ग की 40 छात्राओं ने पूरे हर्षोल्लास से कजरी पर आधारित गीत और नृत्य प्रतियोगिता प्रतिभाग किया।

विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने भारत विकास परिषद महिला शाखा चौक की अध्यक्ष  कंचन अग्रवाल, प्रांतीय संस्कृति सप्ताह संयोजिका तुलसी गौड़ एवं मंजू अग्रवाल और ज्योति अग्रवाल का विद्यालय परिवार की तरफ से स्वागत किया। कक्षा 6 से कक्षा 12 की छात्राओं ने मनमोहक गीतों तथा नृत्य से एक समा बांध दिया। इस प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में कक्षा 12 की शबनम प्रथम स्थान पर ,कक्षा 10 ममता द्वितीय स्थान पर और कक्षा 12 की सौम्या थापा तृतीय स्थान पर रहीं। कक्षा 9 की फरीन, सफीना, ईशा शर्मा और कुमकुम शर्मा को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुए। जूनियर वर्ग में कक्षा 6 की संस्कृति प्रथम स्थान पर ,कक्षा सात की ईशा द्वितीय स्थान पर, कक्षा 6 की आफरीन तृतीय स्थान पर और कक्षा 8 की चाहत को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। परिषद की तरफ से प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान एवं सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाली छात्राओं को सर्टिफिकेट एवं पुरस्कार प्रदान किए गए तथा प्रतिभाग करने वाली समस्त छात्राओं को पौष्टिक खाद्य सामग्री वितरित की गई। कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिकाएं श्रीमती उमा रानी यादव ,शालिनी श्रीवास्तव, पूनम यादव ,उत्तरा सिंह ,अनीता श्रीवास्तव ,माधवी सिंह, मंजुला यादव, मीनाक्षी गौतम और रितु सिंह उपस्थिति थीं।

 

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