- छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ ने जताया विरोध
रायपुर/बिलासपुर. छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ ने छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा शासकीय कर्मचारियों का 5 दिन का वेतन काटने के आदेश का विरोध दर्ज किया जाता है यह आदेश एक तुगलकी फरमान है छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 88 संगठन मिलकर केंद्र के समान महंगाई भत्ता 34त्न की मांग को लेकर 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक सामूहिक अवकाश लेकर स्कूल से लेकर ऑफिस तक बंद रहा 5 दिनों तक शासन के हठधर्मिता के कारण बंद रहा।
इस दौरान छत्तीसगढ़ शासन को लगभग करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई है अगर शासन के द्वारा बिना मांगे महंगाई भत्ता दे दिया जाता तो यह घाटा नहीं होता मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा केंद्र के समान महंगाई भत्ता 34त्न वहां के शासकीय कर्मचारियों को घोषणा कर दी गई है परंतु छत्तीसगढ़ सरकार की हठधर्मिता और अहंकार में डूबी सरकार के द्वारा शासकीय कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता की घोषणा नहीं की जा रही है उल्टा शासकीय कर्मचारियों का 5 दिन का वेतन काटने का आदेश दिया गया है। यह आदेश तुगलकी फरमान है मुख्यमंत्री जी अपना तनख्वाह 70000 और मंत्रियों का वेतन 60000 और विधायकों का वेतन 50000 एकमत एक ध्वनि से अपना वेतन तो बड़ा लिए परंतु अपने अधीनस्थ के छोटे कर्मचारी चतुर्थ एवं तृतीय को भूल गए।
छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ ने मांग की
छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के द्वारा मांग की जाती है कि शासकीय कर्मचारियों का 5 दिन का वेतन नहीं काटना चाहिए। 5 दिन के वेतन के बदले उनके अर्जित अवकाश में अवकाश स्वीकृत कर लेना चाहिए या इस तरह आदेश होता ही रहा है। छत्तीसगढ़ शासन के हठधर्मिता के कारण ही शासकीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मांग हेतु सड़क पर आना पड़ा है या उनकी मजबूरी है महंगाई भत्ता तो साथी कर्मचारियों का उनका अधिकार है आज नहीं तो कल उन्हें देना ही पड़ेगा।