- सीयू में विश्व युवा कौशल दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
- प्रो. दवे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं के सर्वांगीण विकास पर बल देती है
- सफलता का कोई शर्टकट नहीं है, छोटे-छोटे अवसरों से ही सफलता प्राप्त होती है
बिलासपुर. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में इन्क्यूबेशन सेल, स्किल डेवेलपमेंट सेल, इंडस्ट्री इंस्टीट्यूशन इंटरफेस सेल एवं एनएसएस द्वारा दिनांक 15 जुलाई, 2022 को सुबह 10.30 बजे रजत जयंती सभागार में विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर युवा उद्यमिता विकास विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती तथा बाबा गुरु घासीदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने से हुआ। इस अवसर पर तंरग बैंड ने सरस्वती वंदना तथा कुलगीत की मोहक प्रस्तुति दी। मंचस्थ अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत उपरांत राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रो. मनीष श्रीवास्तव ओएसडी विकास विभाग ने स्वागत उद्बोधन दिया। आयोजन सचिव ड. पी.पी, मूर्ती नोडल अधिकारी इन्क्यूबेशन सेल ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय का प्रवर्तन किया।
दिन को प्रेरणा, संकल्प और नवीन लक्ष्यों का आधार बनाने युवाओं से आव्हान किया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डी.एन. बेहरा, संयुक्त निदेशक एंड सेंटर हेड सफ्टवेयर टेकनालजी पार्क अफ इंडिया (एसटीपीआई) दुर्ग ने कहा उद्यमिता का अर्थ व्यापार है। हमें अपने व्यवसाय को बेहतर ढंग से प्रसारित करने के लिए संचार के विभिन्न माध्यमों का उचित तरीके से उपयोग करना चाहिए। उद्यमिता में नवाचार, अनुदान और निर्देशन की अहमियत है। सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हर संभव मदद कर रही है। युवा विद्यार्थियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हुए आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करना चाहिए।
अतिविशिष्ट अतिथि प्रो. नीलांबरी आर. दवे पूर्व प्रभारी कुलपति एवं विभागाध्यक्ष गृह विज्ञान विभाग सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट गुजरात ने विश्व युवा कौशल दिवस की शुभकामनाएं प्रदान करते हुए इस दिन को प्रेरणा, संकल्प और नवीन लक्ष्यों का आधार बनाने युवाओं से आव्हान किया। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए स्किल इंडिया, मेक इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसा योजनाएं युवाओं के लिए संचालित की जा रही हैं। युवा उद्यमी के रूप में हमें अपने मानकों के स्तर को ऊंचा उठाना होगा ताकि हम विश्वस्तरीय कंपनियों के उत्पादों के साथ स्पर्धा कर सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं के सर्वांगीण विकास पर बल देती है
प्रो. दवे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं के सर्वांगीण विकास पर बल देती है। युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। हमें बड़े सपने और लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए ताकि हम पूर्ण समर्पण, साहस, और सामर्थ्य के साथ उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयास करें। सफलता का कोई शर्टकट नहीं है, छोटे-छोटे अवसरों से ही सफलता प्राप्त होती है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए ईमानदारी और मेहनत से किये गये प्रयास आपको सफल बनाने के साथ ही श्रेष्ठ भी बनाते हैं।
विशिष्ट अतिथि ड शिल्पा के. मोदी, विशेषज्ञ षि विज्ञान, षि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर ने कहा कि कोरोनाकाल में जब सबकुछ रूक गया था उस समय पर भी षि के कार्य जारी थे। हमें जैविक खेती में कौशल विकास के कार्यों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
मुझे विश्वविद्यालय की एलुमनी होने पर गर्व है
विशिष्ट अतिथि दीप्ति मंडल, कार्यक्रम समन्वयक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्र एसबीआई बिलासपुर ने कहा कि मुझे विश्वविद्यालय की एलुमनी होने पर गर्व है। मैं पिछले कई वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही हूं। विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से कौशल विकास एवं आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों के लिए किये जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।
सफल युवा उद्यमी साक्षी मेहता एवं अभिजीत त्रिपाठी ने अपनी सफलता की यात्रा के विभिन्न पड़ावों को सभी के साथ साझा किया। इस अवसर पर अतिथियों का स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार एवं संचालन ड. गरिमा तिवारी सहायक प्राध्यापक वानिकी विभाग ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारीगण, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।