नई दिल्ली / लखनऊ. केंद्र और राज्य सरकारों की बेहतर रणनीति से अब कोरोना का प्रकोप थोड़ा कम हो चला है। यही कारण है कि अब देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में नए मामले कम होते दिख रहे हैं। स्थिति सामान्य होती देख राज्यों ने दूसरी लहर में लगे कोरोना प्रतिबंधों में राहत देनी शुरू कर दी है। इसी के तहत दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों ने ढील दिए जाने संबंधी नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। कहीं-कहीं शिक्षण संस्थान भी खोले जाने की प्रक्रिया गति पकडऩे लगी है। यही सबसे बड़ी राहत की बात मानी जा रही है।
बिहार सरकार ने सोमवार से 11 वीं से ऊपर कक्षाओं के संचालन की अनुमति सशर्त प्रदान की है। इनमें ११वीं-१२ वीं के स्कूल, निजी व शासकीय कालेज, राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान आदि मुख्य रूप से शैक्षिक संस्थान शामिल हैं। आदेश में कहा गया है कि जिन संस्थाओं को शिक्षण कार्य की अनुमति प्रदान की जा रही है, वहां कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णत: पालन किया जाएगा। गाइडलाइन के बाबत बिहार राज्य सरकार पहले ही सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर चुकी है। विद्यार्थियों के आने-जाने के लिए गेट तय किए जाएंगे और अगर छात्र संख्या अधिक है तो दो पालियों में कक्षाएं संचालित की जा सकती हैंं। शिक्षण संस्थाओं के संचालकों ने सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार ही कक्षा संचालन की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण लंबे से शिक्षण संस्थान बंद रहे और विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित रही। अब बिहार में शिक्षण संस्थान खुलने से विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है।
उत्तर प्रदेश में अभी ऑफलाइन ही पढ़ाई
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक शिक्षण संस्थान में कक्षाएं संचालित करने से संबंधित आदेश जारी नहीं किए गए हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में कोरोना नियंत्रण प्रभावी ढंग से किया गया है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है, इसलिए लगातार शिक्षण संस्थान खोले जाने की मांग की जा रही है। फिलहाल ऑफलाइन पढ़ाई हो रही है। उधर दिल्ली सरकार ने भी रविवार को नए दिशानिर्देश जारी किए। इनमें कहा गया है कि दिल्ली के स्कूलों में सभागारों और असेंबली हॉल को प्रशिक्षण और बैठक के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा है कि वह अब स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की तैयारी और योजना बना रही है। डीडीएमए द्वारा जारी एक आदेश में उल्लेख किया गया है कि शैक्षणिक संस्थानों के सभागारों और विधानसभा हॉल का इस्तेमाल प्रशिक्षण और बैठक के लिए 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ किया जा सकता है। इस दौरान मानक संचालन प्रक्रिया और सरकार के अन्य दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।