- जीवन में ज्ञान प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करना जरूरी, दीक्षांत दीक्षा का अंत है, शिक्षा का नहीं
- राज्यपाल ने सिम्बॉयोसिस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
भोपाल. राज्यपाल मंगुभाई पटेल सिम्बॉयोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेस इंदौर के तीसरे दीक्षांत समारोह को आभासी माध्यम से शामिल हुए। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि गरीब और वंचित वर्ग के विकास के प्रयासों को उन तक पहुँचाने, उनके जीवन में खुशहाली लाने का दायित्व ग्रहण करें। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन तक पहुँचाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि दीक्षांत दीक्षा का अंत है शिक्षा का नहीं इसलिये जीवन में सदैव ज्ञान प्राप्त करते रहें।
राज्यपाल पटेल आज शनिवार को सिम्बॉयोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेस इंदौर के तीसरे दीक्षांत समारोह को आभासी माध्यम से आज राजभवन भोपाल से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय सनातन संस्कृति की मूल भावनाओं, भविष्य की चुनौतियों के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई है। सबका विश्वास, साथ और प्रयास से सबके विकास के कार्य किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा को बंधन मुक्त बनाया है। युवाओं के हौसलों को उन्नति के अपार अवसर दिए हैं। युवा नौकरी माँगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें, आत्म-निर्भर, समर्थ और समृद्ध नए भारत के निर्माण में योगदान दें।
डॉ. एस.बी. मजूमदार ने कहा कि कोविड का जीवन के सभी क्षेत्रों में विनाशक प्रभाव पड़ा है, किन्तु हर आपदा में जीवन की सीख होती है। कोविड ने पारिवारिक मूल्यों के संरक्षण, स्वास्थ और रोग प्रतिरोधक संचेतना, जीवनशैली और जीवन की महत्ता को बताया है। डॉ. स्वाति मजूमदार ने विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि यह देश का पहला कौशल उन्नयन विश्वविद्यालय है, जहाँ के पाठ्यक्रम का 70 प्रतिशत व्यवहारिक प्रशिक्षण पर आधारित है। विद्यार्थियों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिये आत्म-निर्भर अवार्ड भी दिया जा रहा है।
कुलपति डॉ. चारूदत्त पाठक ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. नेहा गुप्ता ने किया। आभार प्रदर्शन कुलसचिव विशाल चौधरी ने किया। समारोह में मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ.भरत शरण सिंह भी मौजूद थे।