Chher Chhera in bilaspur : ओमप्रकाश वर्मा गुरूजी बताईन…. छेर छेरा माई कोठी के धान हेरते हेरा,जभे देहा तभे टरन

बिलासपुर , 13 जनवरी , campussamachar.com, छेर छेरा तिहार हमर छत्तीसगढ़ के लोक पर्व तिहार आय ए तिहार पौस पूर्णिमा के दिन मनाय जाथे।  ए दिन किसान भाई मन अपन अपन खेत के धान ल मिजाई कुटाई करके कोठी म भरे रथे अन्न माता के आज़ के दिन विशेष पूजा पाठ करके अपन कमाई के कुछ अंश अन्न (धान)ल आज के दिन दान करथेय आज के दिन लईका सियान मन घर घर जाके छेरा छेरा मांगथे।
छेर छेरा माई कोठी के धान ल हेरते हेरा कईके जोर जोर से चिल्लावत आथे। ए दिन डंडा नाच भी करथे मादर,मंजीरा हारमोनियम,आरगन के साथ अति सुघ्घर नृत्य अऊ गीत गाथे हमर छत्तीसगढ़ के छेरा छेरा तिहार म घर परिवार के मन एक साथ मिलजुल के मनाथे अउ आनी बानी के रोटी चीला, खीर पुड़ी बनाके खाथे।
छेरा छेरा तिहार आनंद अऊ मेल मिलाप भाई चारा के तिहार आय।
ओमप्रकाश वर्मा गुरूजी बताईन के हमर समय म हमन सब संगी जवरिहा संग डंडा नाचे जावन वो समय बहुत गरीबी रहय धान बेचके हमन वादय यंत्र मादर ढोलक, हारमोनियम खरीदन अऊ सीखन।अब समय बदलत जात हे मुर्गा, दारू म उड़ात हे पी खा के लड़ाई झगड़ा होवत हे।
हम सब ल आनंद अऊ भाई चारा के साथ हर तिहार ल मनाना चाही।
आप सबझन ल छेर छेरा के गाड़ा गाड़ा बधाई।

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