मौसमी बीमारी, मलेरिया आदि से ग्रसित बच्चों का किया जा रहा सतत् परीक्षण
सुकमा.जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) नितिन डडसेना ने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के पश्चात् जिले के 48 छात्रावास, 95 आश्रम, 16 पोटाकेबिन, को पुनः प्रारंभ किया गया। इनमे अध्ययनरत लगभग 17500 विद्यार्थियों का जिला प्रशासन के द्वारा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थाओं में मौसमी बीमारी, मलेरिया आदि से ग्रसित बच्चों का सतत् परीक्षण कर समुचित इलाज की व्यवस्था की जा रही है। आवश्यकता अनुसार पीड़ित बच्चों को बेहतर इलाज एवं देखभाल हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन्हें निकटतम स्वास्थ्य केन्दों में रेफर किया जा रहा है जिनमे उन्हे पूर्ण चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराई जा रही है । मलेरिया मुक्त अभियान के तहत मलेरिया के प्रारंभिक चरण में ही रोग के शुरूआती लक्षण दिखने पर परीक्षण कर त्वरित चिकित्सीय सुविधा प्रदाय करने पर इस बीमारी की गंभीर प्रकोप से बचाव हो रहा है। इन सभी शैक्षणिक संस्थाओं में सावधानी के रूप में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। छात्रावास, आश्रम पोटाकेबिन में साफ-सफाई, रूके पानी की निकासी व्यवस्था तथा मच्छरदानी का प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है। प्रतिदिन इन शैक्षणिक संस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है तथा विभिन्न प्रकार से बीमारियों से पीड़ित विद्यार्थियों को तत्काल उपचार की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर सुदृढ किया जा रहा है।