- 71 स्मार्ट शहर के 2,398 सरकारी स्कूलों में 9,433 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए हैं. सार्वजनिक पठन स्थलों की संस्कृति फिर से स्थापित की गई है.
नई दिल्ली , 27 दिसंबर 2024, स्मार्ट सिटी मिशन के प्रभाव आकलन अध्ययन में भारतीय प्रबंध संस्थान, बेंगलूर ( Indian Institute of Management Bangalore | IIM Bangalore ) ने बताया है कि स्मार्ट कक्षाओं से शिक्षा की गुणवत्ता काफी बढ़ी है। रिपोर्ट में निम्नलिखित बिन्दु शामिल हैं-
71 स्मार्ट शहर के 2,398 सरकारी स्कूलों में 9,433 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए हैं. सार्वजनिक पठन स्थलों की संस्कृति फिर से स्थापित की गई है: श्रीनगर से चेन्नई, औरंगाबाद से आइजोल तक, स्मार्ट सिटी मिशन सार्वजनिक शिक्षा सुविधाओं को उन्नत बना रहा है. भारतीय स्मार्ट सिटी मिशन में सार्वजनिक शिक्षा में अंतर को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है. आईआईएम बेंगलूर के अनुसार निगरानी उपायों से नागपुर में अपराध दरों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है. आईआईएम बेंगलूर की रिपोर्ट के अनुसार, अपराध रोकथाम के लिए चेन्नई का एज एनालिटिक्स, महिलाओं को शहरी सुरक्षा प्रदान करने में अहम तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है.
आईआईएम बेंगलूर के अध्ययन में बताया गया है कि स्मार्ट लाइटिंग और पैनिक बटन के उपयोग से अपराध में कमी आई है और महिलाओं की शहर में सुरक्षा बढ़ी है. भारतीय प्रबंध संस्थान, बेंगलूर ने स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) की समीक्षा श्रृंखला (एसएएआर) के अंतर्गत दो अध्ययन किए और निष्कर्ष में पाया कि स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और भारतीय स्मार्ट शहरों में आपराधिक गतिविधियों पर वास्तविक समय में नज़र रखी जा रही है।
क्या स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता की दिशा में इंडिया स्मार्ट शहरों में सुधार हुआ है?
नवंबर 2023 में आरंभ स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) की एसएएआर – समीक्षा श्रृंखला के अंतर्गत, भारत के 29 प्रमुख संस्थानों द्वारा विभिन्न विषयों पर भारतीय स्मार्ट शहरों पर 50 राष्ट्रीय स्तर के प्रभाव आकलन अध्ययन किए गए। इस सिलसिले में, भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलूर द्वारा ‘क्या भारतीय स्मार्ट शहरों में बच्चों, विशेष रूप से गरीब बच्चों के लिए स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जैसे कि स्कूल छोड़ने की दर में गिरावट, आदि यदि कोई हो’ शीर्षक से एक अध्ययन किया गया ।
राष्ट्रीय स्तर के अध्ययन में पता चला कि 71 स्मार्ट शहरों में 2,398 सरकारी स्कूलों में 9,433 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए हैं। 2015-16 से 2023-24 के बीच 19 शहरों द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा स्मार्ट क्लासरूम शुरू करने से कुल नामांकन में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अजमेर (राजस्थान), नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और तुमकुरु (कर्नाटक) में व्यापक शहर-स्तरीय विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अन्य प्रमुख परिणामों में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:
41 शहरों में कुल 7,809 बैठने की क्षमता वाले डिजिटल पुस्तकालय विकसित किये गये हैं। अध्ययन में रायपुर और तुमकुरु जैसे शहरों में डिजिटल लाइब्रेरी के महत्वपूर्ण प्रभाव का उल्लेख किया गया। इससे छात्रों को आवश्यक शैक्षिक संसाधन प्राप्त हुए और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता मिली। शिक्षकों के प्रशिक्षण से स्मार्ट कक्षा के उपयोग के प्रति सहजता और प्राथमिकता में सुधार हुआ। अन्य की तुलना में वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षकों में सहजता का स्तर सबसे अधिक दिखा।
शिक्षक आमतौर पर इससे सहमत हैं कि स्मार्ट कक्षा पहल से देश के विशेष स्मार्ट शहरों में सीखने के अनुभव और छात्र उपस्थिति में सुधार हो रहा है.। सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक पुस्तकालयों में स्मार्ट कक्षाओं और डिजिटल पुस्तकालयों के रूप में स्मार्ट समाधान की शुरूआत से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों को स्मार्ट शिक्षा तक समावेशी पहुंच की सुविधा मिली है। रिपोर्ट को वेबलिंक https://www.iimb.ac.in/node/13672 से डाउनलोड किया जा सकता है
भारतीय स्मार्ट शहरों में आपराधिक गतिविधियों, विशेषकर महिलाओं के विरुद्ध अपराध की घटनाओं पर वास्तविक समय पर नज़र रखने का क्या प्रभाव पड़ा है?
नवंबर 2023 में आरंभ किए गए स्मार्ट सिटी मिशन की एसएएआर – समीक्षा श्रृंखला के तहत, भारत के उनतीस (29) प्रमुख संस्थानों द्वारा विभिन्न विषयों पर भारतीय स्मार्ट शहरों पर 50 राष्ट्रीय स्तर के प्रभाव आकलन अध्ययन किए गए। इस सिलसिले में ‘भारतीय स्मार्ट शहरों में आपराधिक गतिविधियों की घटनाओं विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराध में वास्तविक समय निगरानी का क्या प्रभाव रहा है?’ पर एक अध्ययन आईआईएम बेंगलूर ( Indian Institute of Management Bangalore | IIM Bangalore ) द्वारा किया गया। अध्ययन में महिलाओं और लड़कियों की शहरी सुरक्षा सुनिश्चित करने में वास्तविक समय में घटना की निगरानी, सीसीटीवी कैमरे, सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम उपकरण और एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों (आईसीसीसी) के साथ उनके एकीकरण सहित सुरक्षा और निगरानी उपायों के प्रभाव का आकलन किया गया। राष्ट्रीय स्तर के अध्ययन में विस्तृत प्राथमिक प्रभाव आकलन के लिए चेन्नई (तमिलनाडु), नागपुर (महाराष्ट्र) और तुमकुरु (कर्नाटक) के स्मार्ट शहरों पर ध्यान केंद्रित किया।
93 स्मार्ट शहरों में 59,802 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और आपातकालीन कॉल बॉक्स लगाए गए हैं, आईसीसीसी के ज़रिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्रणाली महिलाओं के लिए सुरक्षित शहरी माहौल बनाने में सहायक रहा है। पुलिस संचालन के साथ निगरानी प्रणालियों के एकीकरण ने देश भर में साक्ष्य-आधारित पुलिसिंग बढ़ी है।
चेन्नई और तुमकुरु ने उन्नत निगरानी प्रणालियों के लाभ तथा सुरक्षा कैमरों को आईसीसीसी के साथ एकीकृत किया गया ताकि आपराधिक घटनाओं को कुशलतापूर्वक सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता मिल सके। निगरानी उपाय लागू किए जाने के बाद नागपुर में कुल अपराध दर में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई ।
स्मार्ट निगरानी प्रणालियों के कार्यान्वयन से मजबूत सुरक्षा उपायों वाले क्षेत्रों में उत्पीड़न, हमले और अन्य आपराधिक घटनाओं में कमी आई। इन तीन शहरों में सार्वजनिक स्थानों के इस्तेमाल में महिलाओं में आत्मविश्वास में बढोत्तरी दिखी। रिपोर्ट को वेबलिंक https://www.iimb.ac.in/node/13673 से डाउनलोड किया जा सकता है
एसएएआर – समीक्षा श्रृंखला:
Indian Institute of Management Bangalore : स्मार्ट सिटी मिशन ने 2022 में ‘ एसएएआर ‘ (स्मार्ट सिटीज एंड एकेडमिया टुवर्ड्स एक्शन एंड रिसर्च) आरंभ किया है जो नई शहरी पहल के दस्तावेजीकरण और शोध के लिए शिक्षा जगत और सरकार के बीच सेतु का काम करता है।
Indian Institute of Management Bangalore: एसएएआर पहल के तहत, स्मार्ट सिटीज मिशन ने “समीक्षा सीरीज” के रूप में 50 प्रभाव आकलन शोध अध्ययन शुरू किए हैं। भारत के 29 प्रमुख संस्थानों ने ये 50 प्रभाव आकलन अध्ययन किए, जिनमें 6 आईआईएम, 8 आईआईटी, 3 स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) और 12 विशेष शोध संस्थान शामिल हैं। मिशन ने इन संस्थानों को आंकड़े और जमीनी स्तर पर दौरे की सुविधा प्रदान की, ताकि उनके अनुभवों का दस्तावेजीकरण किया जा सके और भविष्य की शहरी विकास नीतियों के लिए ये महत्वपूर्ण मसौदा बन सकें।
संक्षिप्त विवरण – स्मार्ट सिटी मिशन:
भारत सरकार के आवासन और शहरी मामले मंत्रालय ने 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन आरंभ किया था। मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देना है जो सुदृढ़ बुनियादी ढांचा प्रदान कर नागरिकों को सुगम जीवन स्तर, स्वच्छ और संधारणीय वातावरण और ‘स्मार्ट’ समाधानों की सुविधा प्रदान करते हैं। इस मिशन ने जमीनी स्तर पर कई परिवर्तनकारी और अभिनव परियोजनाएं शुरू की हैं, जो आधुनिक भारत की सबसे अहम शहरी परियोजनाएं हैं।
नवंबर 2024 तक, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 91 प्रतिशत परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके तहत स्मार्ट शहरों में निवासियों की स्थानीय आवश्यकताएं पूरी करने के लिए कई अनूठे, अभिनव और अनुकरणीय परियोजनाएं/मॉडल आरंभ किए गए हैं। मिशन के पूरा होने के करीब होने के साथ ही यह आवश्यक है कि इन अनूठे समाधानों का प्रभाव आकलन और दस्तावेज़ीकरण किया जाए।