- साल 2024 में ग्रीन रैंकिंग के 15वें संस्करण यह संख्या बढ़कर 95 देशों के 1477 विश्वविद्यलायों तक पहुंच गई है। इस प्रतिस्पर्धा में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने पूरी दुनिया में 346वां तथा भारत में 12वां स्थान प्राप्त किया।
बिलासपुर, 13 दिसम्बर, campussamachar.com, । गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas University Bilaspur) नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय ने यू.आई. ग्रीन मेट्रिक वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 के 15वें संस्करण में करीब 60 पायदान की लंबी छलांग लगाते हुए 346वां स्थान प्राप्त किया है वहीं भारत में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने दो पायदान का सुधार करते हुए 12वां स्थान प्राप्त किया।
विश्वविद्यालय ( Guru Ghasidas University Bilaspur ) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University,) वर्ष 2021 में पदभार ग्रहण करने के उपरांत से ही निरंतर विश्वविद्यालय को प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने के लिए सकारात्मक सक्रियता के साथ प्रयासरत हैं। कुलपति ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University,) के वैश्विक अनुभव से पिछले साढ़े तीन वर्षों में विश्वविद्यालय ने अभूतपूर्व परिणाम प्राप्त किये हैं जिनमें नैक ए++ रैकिंग के साथ ही क्यूएस वर्ल्ड रैकिंग, टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यंग यूनिवर्सिटी रैकिंग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कैटेगरी वन की स्वायत्ता के साथ ही मेंटल वेलबीइंग रैकिंग आदि प्रतिष्ठित मानकों पर खरा उतरना शामिल है।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University,) ने यू.आई. ग्रीन मेट्रिक वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के बेहतर प्रदर्शन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शोध एवं अनुसंधान के साथ ही पर्यावरण के प्रति सजगता के साथ कार्य कर रहा है। पर्यावरण मानकों के अनुसार अधोसंरचना का विकास करते हुए विश्वविद्यालय निरंतर अपने पारिस्थितिकी के संरक्षण के प्रति जागरुक तथा समर्पित है। पर्यावरण संरक्षण से प्रवाहित प्राण से विद्यार्थियों में नये उत्साह का संचार हुआ है तथा विश्वविद्यालय ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University,) ने नवाचार और पेटेंट में आशातीत प्रगति की है। उन्होंने कहा कि भविष्य में उद्योगों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय कार्बन ट्रेडिंग के क्षेत्र में भी अवसर तलाश करेगा ताकि विश्वविद्यालय पर्यावरण के सरंक्षण के साथ ही आर्थिक उन्नति कर सके।
04 साल में 346 वीं रैंकिंग हासिल
गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University,) ने जब पहली बार 2021 में ग्रीन वर्ल्ड रैंकिग में हिस्सा लिया तब विश्व के 956 विश्वविद्यालयों में हमारा स्थान 673 तथा भारत में 28वें स्थान पर था। 2022 में विश्व रैंकिंग में 170 पायदान का सुधार करते हुए 1050 विश्वविद्यालयों में 503 तथा भारत में 19वीं रैंक हासिल की। 2023 में विश्व रैंकिंग में लगभग 100 पायदान का सुधार करते हुए 1183 विश्वविद्यालयों में 405 एवं भारत में 14वां रैंक प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि साल 2024 में ग्रीन वर्ल्ड रैंकिग में हिस्सा लेने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 1477 हो गई है वहीं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाते हुए विश्व में 346वां स्थान हासिल किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 59 स्थान बेहतर है। तथा भारत में 14 के मुकाबले 12वां स्थान प्राप्त किया।
श्रेष्ठ रैंकिंग हेतु किये गये प्रयास
Guru Ghasidas University Bilaspur : : कुलपति ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University,) द्वारा निर्देशित पहल के अनुसार हरित परिसर बनाने के लिए वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन जिसमें माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारंभ एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत पौधारोपण, विशेष किस्म की बांस की चार प्रजातियों का दो हेक्टेयर में रोपण, ग्रीन इंडिया मिशन के तहत सात हेक्टेयर में विलुप्त हो रहे प्रजातियों का रोपण, इस प्रकार परिसर में विगत तीन सालों में लगभग तीस हजार पौधारोपण शामिल है।
अधोसंरचना निर्माण में ग्रेहा के अंतर्गत ग्रीन बिल्डिंग इनीशिएटिव। स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में दो मेगावॉट रूफ टॉप सोलर एनर्जी प्लांट की स्थापना की गई है। अपशिष्ट प्रबंधन के लिए बायोगैस प्लांट स्थापित किया गया है। वर्मी कंपोस्ट, जैविक खाद निर्माण आदि किया गया है।
जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए परिसर में मौजूद चार तालाबों का जीर्णोद्वार एवं सौंदर्यीकरण किया गया। सभी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जल संरक्षण किया गया। परिसर में कार्बन फुट प्रिंट कम करने की दृष्टि से ई रिक्शा का परिचालन किया गया।
गुरु घासीदास विश्वविद्यालय 04 साल से प्रतिभागी
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University,) के सक्षम नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन के साथ ही दूरदर्शी विचार के परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय के वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विभाग द्वारा इस वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा में अक्टूबर 2021 में पहली बार सहभागिता की गई थी। यह सहभागिता का चौथा वर्ष है।
06 मानदंडों पर रैंकिंग का निर्धारण
इस प्रतिस्पर्धा में विश्वविद्यालयों का चयन उनकी अधोसंरचना, स्वच्छ ऊर्जा प्रबंधन एवं जलवायु ग्रीन ट्रांसपोर्ट, अपशिष्ट प्रबंधन, जल संसाधन प्रबंधन, परिवहन, शिक्षा एवं अनुसंधान, कार्बन फुट प्रिंट एवं सस्टेनेबिलिटी पर किये गये शोध कार्य के आधार पर किया जाता है।
95 देशों के 1477 विश्वविद्यालय शामिल
साल 2010 में जब यह प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ हुई तब विश्व के केवल 35 देशों के 95 विश्वविद्यालयों ने हिस्सा लिया था। साल 2024 में ग्रीन रैंकिंग के 15वें संस्करण यह संख्या बढ़कर 95 देशों के 1477 विश्वविद्यलायों तक पहुंच गई है। इस प्रतिस्पर्धा में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने पूरी दुनिया में 346वां तथा भारत में 12वां स्थान प्राप्त किया।
2010 से आयोजित हो रही है रैंकिंग
यूनिवर्सिटी ऑफ इंडोनेशिया द्वारा प्रत्येक वर्ष यू.आई. ग्रीन मेट्रिक वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जाता है। इस स्पर्धा का आयोजन वर्ष 2010 से किया जा रहा है जिसमें पूरी दुनिया के विश्वविद्यालयों के मध्य सस्टेनेबल यूनिवर्सिटी कैंपस रैंकिंग हेतु प्रविष्टियां आमंत्रित की जाती हैं।