लखनऊ। इनिशिएटिव फाउन्डेशन इंडिया के तत्वावधान में शनिवार को विश्व बाल अधिकार दिवस के अवसर पर “बच्चों के संवैधानिक अधिकार- जमीनी हकीकत और चुनौतियां” विषय पर बुद्धेश्वर में संवाद हुआ। कार्यक्रम के अंत में बाल हिंसा के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में शामिल बच्चे, बडे व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में प्लेकार्ड तख्तियां लहराते हुए बच्चों के साथ हिंसा बंद करो।
बुद्धेश्वर में आयोजित संवाद को संबोधित करते हुए इनिशिएटिव फाउन्डेशन इंडिया के निदेशक अमित मिश्रा ने कहा कि बाल अधिकार देश के हर बच्चे को प्राप्त अधिकार हैं। लेकिन कोविड-19 महामारी आने के बाद से गरीब बच्चे सबसे अधिक हिंसा और शोषण का शिकार हो रहे हैं। संविधान में दिए हुए बाल अधिकार क़ानून का सही पालन हो ताकि बच्चों के जीवन, शिक्षा, संरक्षण, स्वतंत्रता, सहभागिता के अधिकार को सुनिश्चित कर बच्चों के बेहतरी के साथ-साथ स्वच्छ समाज का निर्माण हो।
आयोजित कार्यक्रम में वन स्टाप सेंटर लखनऊ की इंचार्ज सोनल ने कहा कि आज हर बच्चे को भोजन, शिक्षा,स्वास्थ्य के साथ खुशनुमा माहौल में रहने, पूर्ण सुरक्षा पाने के साथ साथ हिंसा के शिकार बच्चों सहित महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता पाने का अधिकार हैं।
इस अवसर पर राज्य बाल आयोग उ.प्र. के सदस्य श्याम जी त्रिपाठी ने कहा की आज जितना बड़ों को अधिकार मिला है उससे कहीं ज्यादा आप सभी बच्चों को भी अधिकार मिले हैं। आप सभी बच्चे अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर खूब पढ़े और आगे बड़े।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था की सदस्य पूजा ने कहा कि दुनिया के सभी अधिकारों में बाल अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन इसके बावजूद भी सबसे ज्यादा बच्चों के साथ ही हिंसा हो रही हैं। उन्होंने बच्चों को शिक्षा से जोडने और बालश्रम से मुक्त करने पर जोर देते हुए कहा की एक तरफ कोरोना महामारी के चलते बच्चों की शिक्षा पर बहुत बुरा असर पडा, तो वही दूसरी तरफ बालश्रम की ओर जाने की संख्या भी बढ़ी है।
इस अवसर पर राजकिशोर, शशि, शालिनी, सरला, तबस्सुम सिद्धिकी, नवीन, रियाज, श्याम सूरज, सहित अन्य लोगों ने भी संवाद में अपने विचार रखे।