- बैठक के दौरान विकासखंड स्त्रोत सम्मनव्यक महावीर वर्मा द्वारा संविधान दिवस मनाते हुए सभी को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई।
- बैठक में 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और बालवाड़ी कार्यक्रम के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ठोस रणनीतियाँ तय की गईं।
दुर्ग – भिलाई , 27 नवम्बर, campussamachar.com, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), रायपुर और अह्वान ट्रस्ट के संयुक्त प्रयासों से दुर्ग जिले की 112 शालाओं में बालवाड़ी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा और जिला मिशन समन्वयक सुरेंद्र पांडेय के मार्गदर्शन में अह्वान टीम इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए कार्यरत है।
बालवाड़ी कार्यक्रम के तहत धमधा विकासखंड के 56 शालाओं के शिक्षकों की एक दिवसीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक विकासखंड शिक्षा अधिकारी कैलाश साहू, विकासखंड स्रोत समन्वयक महावीर वर्मा, और ब्लॉक कार्यालय से प्रवीण मिश्रा की उपस्थिति में संपन्न हुई। बैठक में बालवाड़ी कार्यक्रम की प्रगति पर चर्चा करते हुए शिक्षकों के अनुभव साझा किए गए। साथ ही बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों और शालाओं को प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
1. बुनियादी भाषा और संख्याज्ञान पर विशेष ध्यान
अह्वान ट्रस्ट के जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रदीप शर्मा ने बालवाड़ी के बच्चों के लिए भाषा और संख्याज्ञान के कौशलों की अहमियत पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा बच्चों की आगे की पढ़ाई का मजबूत आधार होती है। बैठक में शिक्षकों को बुनियादी कौशलों को सुदृढ़ करने के लिए गतिविधियों और शिक्षण विधियों की जानकारी दी गई।
2. पालकों की भागीदारी को बढ़ावा
बालवाड़ी के प्रगति को मजबूत बनाने के लिए पालकों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने और उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। शिक्षकों को पालकों को बालवाड़ी के महत्व और उनकी भूमिका के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए गए।
3. पीछे चल रहे बच्चों के लिए विशेष योजनाएँ
बैठक में बालवाड़ी के पीछे चल रहे बच्चों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजना तैयार की गई। इन बच्चों को व्यक्तिगत ध्यान और सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
4. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बढ़ाने और उनकी सहायता से बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने की योजना पर चर्चा की गई।
5. बालवाड़ी का महत्व
विकासखंड शिक्षा अधिकारी कैलाश साहू ने बालवाड़ी की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस चरण में बच्चों के अनुभव उनके सीखने और ज्ञान अर्जन की क्षमता को मजबूत करते हैं। बालवाड़ी बच्चों को आगे की कक्षाओं के लिए तैयार करती है।
समीक्षा और प्रदर्शन पर चर्चा
बैठक के दौरान जिला समन्वयक तुषार साहू ने बालवाड़ी के सीखने के प्रतिफलों और बच्चों की प्रगति पर चर्चा की। शिक्षकों को सीखने के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नियमित योजना बनाने और गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
प्रेरणा और प्रोत्साहन
बैठक में बेहतर कार्य और प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों और शालाओं को प्रोत्साहित किया गया। इससे अन्य शालाओं के शिक्षकों को भी प्रेरणा मिली। बैठक के दौरान विकासखंड स्त्रोत सम्मनव्यक महावीर वर्मा द्वारा संविधान दिवस मनाते हुए सभी को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई। बैठक में 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और बालवाड़ी कार्यक्रम के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ठोस रणनीतियाँ तय की गईं।