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GGU Bilaspur : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय मूल्य समाहित- कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल

  • पांडिचेरी में तीन दिवसीय ज्ञान कुंभ 2024 का आयोजन, देश-विदेश के शिक्षाविद् जुटे

बिलासपुर , 24 नवम्बर ,campussamachar.com,     गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय (guru ghasidas vishwavidyalaya Bilaspur chhattisgarh ),  ) नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय के  कुलपति   प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University) ने कहा  कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में समाहित भारतीय मूल्यों के माध्यम से युवाओं का राष्ट्र और समाज के प्रति अपने दायित्वों के बोध के साथ समर्पण का भाव पैदा होगा।

यह वक्तव्य कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ( Professor Alok Kumar Chakrawal Vice Chancellor of Guru Ghasidas Vishwavidyalaya -Central University)  ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली एवं पांडिचेरी विश्वविद्यालय (  Pondicherry University ) के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 21 से 23 नवंबर, 2024 तक आयोजित तीसरे राष्ट्रीय स्तर के अकादमिक कानक्लेव ज्ञान कुंभ 2024 के उद्घाटन अवसर पर कही।

देश-दुनिया विभिन्न प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों से पधारे शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेश को वर्तमान समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि ज्ञानकुंभ का उद्देश्य शिक्षा में भारतीय मूल्यों को समाहित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का संपूर्ण स्वरूप में क्रियान्वित करना है। 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लेखित अनुभवजन्य शिक्षा, कौशल एवं उद्यमिता विकास के साथ भारतीय ज्ञान पंरपरा अहम भूमिका निभाएगी। वर्तमान समय में युवा को ऐसी शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि के साथ चरित्र निर्माण और सामाजिक दायित्वबोध की भावना जागृत हो।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पांडिचेरी के उपराज्यपाल  के. कैलाशनाथन, आईएएस ने कहा कि अंग्रेजों ने शिक्षा का उपयोग विभागों में कार्य करने वाले पेशेवर और प्रशासनिक अधिकारी सृजित करने में किया जिसे बदलकर अब शिक्षा को व्यक्ति निर्माण एवं चरित्र निर्माण के रूप में बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को विकसित भारत का नीति निर्धारक दस्तावेज बताया। यह ज्ञान कुंभ शिक्षा के परिवर्तन एवं भाषा के क्षेत्र में अहम सिद्ध होगा।
मंचस्थ अतिथियों में शामिल रहे
मंचस्थ अतिथियों में पांडिचेरी के उपराज्यपाल  के. कैलाशनाथन, आईएएस,  अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, पांडिचेरी विधानसभा के   सभापति  एमबलम आर. सेल्वम, पांडिचेरी सरकार के शिक्षा मंत्री  एन. नमशिवायम, संत मैलम बोम्मपुरा अधिनाम, सिवागना पलाया स्वामीगल तथा थावथिरु रामानंथा कुमारगुरुबारा स्वामीगल, सिरवई अधीनम कौमारा मदालयम कोयंबटूर शामिल रहे।  इससे पूर्व मंचस्थ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया। अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। पांडिचेरी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. थारनिकरासू ने स्वागत उद्बोधन दिया।

कार्यक्रम के अंत में मंचस्थ अतिथियों को पुस्तक एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन पांडिचेरी ज्ञान कुंभ के संयोजक प्रो. वेलमुरुगन पीएस ने दिया। कार्यक्रम में देश भर के शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, शिक्षक और शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारीगण, शिक्षणगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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