लखनऊ, 22 नवम्बर, campussamachar.com। प्रदेश के किसान व मजदूर 26 नवम्बर को चेतावनी रैली का आयोजन जिला मुख्यालयों पर करेगे। इस रैली के माध्यम से केन्द्र सरकार से किसानों के साथ हुये समझौते को लागू करने मजदूर विरोधी नीतियों को बदलने की र्माग की जायेगा। इसका आवाहन संयुक्त किसान मोर्चा व केन्द्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त मच के आवाहन पर किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा व केन्द्रीय श्रम संगठनो के संयुक्त मंच ने प्रदेष के किसानो व मजदूरों से चेतावनी रैली को सफल बनाने की अपील की है। केन्द्रीय श्रम संगठन व संयुक्त किसान मोर्चा के लिये प्रेम नाथ राय महामंत्री सीटू उ0 प्र0 ने कहा है कि आने वाले दिनों में आन्दोलन को और तेज किया जायेगा।
ज्ञातव्य हो कि 26 नवम्बर 2020 को किसान व मजदूर आन्दोलन ने आपस में समन्वय कर आन्दोलन की षुरूआत की थी। इसके चार वर्ष पूरे होने जा रहे है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी अधिकारियों के माध्यम से भेजा जायेगा।
प्रमुख मॉगे इस प्रकार हैः-
1. चारो श्रम संहिताओं को रद्द किया जाय। असंगठित क्षेत्र व अन्य श्रमिकों का न्यूनतम वेतन रू0 26,000 किया जाय।
2. सभी फसलों के लिये एमएसपी पर कानूनी गांटीकृत खरीद, स्वामीनाथन आयोग के अनुरूप सी 2$50 फीसद अर्थात लागत का डेढ. गुना दाम की एमएसपी घोषित की जाय।
3. एक सर्वसमावेषी ऋण माफी एवं कर्जा मुक्ति योजना लागू की जाय। साठ साला किसान पेंषन योजना 10,000 प्रति माह लागू की जाये।
4. बिजली बिल 2022 वापस लिया जाय। प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना रद्द की जाय। योगी सरकार द्वारा 300 यूनिट घरेलू उपभोक्ताओं को तथा किसानों को सिंचाई हेतु बिना षर्त फ्री बिजली देने का वादा पूरा किया जाय। फर्जी बिल एवं अन्य बिजली सम्बन्धित समस्याओं को हल किया जाय।
5. कारपोरेट कम्पनियों एवं अन्य के लिये अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बन्द हो। भूमि अधिग्रहण , पुर्नवास-पुर्नस्थापना, उचित प्रतिकर एवं पारदर्षिता अधिकार कानून 2013 का उल्लंघन बन्द हो। भूमि अधिग्रहण के नाम पर जबरिया बैनामा से भूमि ना ली जाय, उत्तर प्रदेष में 2017 से न बढ़ाये गये सर्किल रेट को पूर्व की भॉति सालाना बढ़ाया जाय। पुर्नवास, बिना विकल्प के आवास न गिराये जाय।
6. फसलों व पषु पालन के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की व्यापक बीमा योजना लागू की जाय।
7. डीएपी यूरिया आदि की आपूर्ति बढ़ाकर सहकारी समितियों/संघो आदि से उचित वितरण,कालाबाजारी, नकली खाद-बीज पर कड़ाई से रोक का पालन कराया जाय। कृषि यंत्रों, कीटनाषकों आदि पर से जीएसटी समाप्त की जाय।
8. हाईब्रिड धान की एमएसपी (2300-2320 रू0 प्रति कुन्तल सरकारी रेट) पर मंडियों में खरीद सुनिष्चित की जाय। जबकि मंडियों में मात्र 1700-1800 रू0 प्रति कुन्तल धान का भाव है। सरकारी क्रय केन्द्र चालू किये जाये। बासमती श्रेणी के धान का न्यूनतम दाम रू0 4000 प्रति कुं0 और खरीद की गारण्टी की जाय।
9. भारी वर्षा से फसलों की बर्बादी, धान में रोग से हुई उत्पादन में भारी हानि का प्रति एकड़ रू0 30,000 मुआवजा एवं फसल बीमा दिलाया जाय। आलू का भण्डारण बोरे में वजन के अनुसार तय हो, ष्षीतगृहों की बोरा आधारित वसूली पर रोक लगाई जाय।
10. सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगायी जाये, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) एवं ठेका खेती प्रथा को समाप्त किया जाये। सभी संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाय।
11. पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाय, ईपीएफओ की पेंषन रू0 1000 की जगह रू0 10,000 प्रति माह की जाय।
12. स्कीम वर्कर्स , आषा, रसोईया, आंगनबाड़ी आदि का वेतन रू0 26,000 प्रति माह कर कर्मचारी का दर्जा दिया जाय।
13. मनरेगा में दो सौ दिन काम की गांरटी और रू0 600 प्रति दिन मजदूरी करने, सभी मॉगने वाले को काम एवं समय से भुगतान दिया जाय। इसे कृषि, पषुपालन, और वाटर सेड योजना से जोड़ा जाय।
14. मॅहगाई, बेरोजगारी, सभी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जाय। रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाय। षिक्षा व स्वास्थ्य के लिये फ्री सरकारी व्यवस्था की जाय । नफरत की राजनीति बंद की जाय।
15. सभी चीनी मिल चालू किये जाय , किसानों के बकाये का भुगतान व्याज सहित अविलम्ब कराया जाय। गन्ने का न्यूनतम मूल्य रू0 520 प्रति कु0 घोषित किया जाय।
16. प्रदेश में वर्ष 2019 से डयू न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण के लिये समिति का गठन किया जाय।