- सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और शॉल स्मृतिचिन्ह के द्वारा किया गया। उसके बाद डॉ. तक़ी आबिदी ( कनाडा ) की पुस्तक नन्दलाल नैरंग सरहदी पर का विमोचन किया गया.
लखनऊ , 16 नवम्बर, campussamachar.com, खुन खुन जी गर्ल्स महाविद्यालय ( Khun Khun Ji Girls PG College) में उर्दू विभाग की ओर से आज 16 नवम्बर 24 को एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय था “ नन्दलाल नैरंग सरहदी शख्सियत और अदाबी खिदमात. कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के द्वारा किया गया, तत्पश्चात सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और शॉल स्मृतिचिन्ह के द्वारा किया गया। उसके बाद डॉ. तक़ी आबिदी ( कनाडा ) की पुस्तक नन्दलाल नैरंग सरहदी पर का विमोचन किया गया.
इस कार्यक्रम में प्राचार्या प्रो. अंशु केडिया एवं संयोजिका प्रो रेशमा परवीन द्वारा उदघाटन सत्र के अध्यक्ष के रूप में प्रो. कमर जहान (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय), मुख्य वक्ता डॉ. तक़ी आबिदी (कनाडा ) एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो.अनवर पाशा (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ) प्रो. मो. काज़िम ( दिल्ली विश्वविद्यालय ) डॉ. अतीक अहमद फारूकी ( पूर्व प्राचार्य मुमताज़ पी. ज़ी. कॉलेज लखनऊ) एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में प्रो नय्यर जी का स्वागत किया .
मुख्य वक़्ता के रूप में कनाडा से आये हुए डॉ. तक़ी आबिदी ने नन्दलाल नैरंग सरहदी ज़ी के जीवन की कुछ यादगार घटनाओ को साझा किया।
नंदलाल नैरंग सरहदी द्वारा लिखा गया साहित्य जो उर्दू अरबी और फ़ारसी के साथ साथ पश्तो की जुगलबंदी की बेहद खू़बसूरत मिसाल है। पुस्तक- तामीरे बका जो 1100 पृष्ठों में प्रकाशित हुई है और तत्पश्चात यह मौजूदा समीक्षित पुस्तक जो कि नैरंग सरहदी के व्यक्तित्व और फ़न यानी कृतित्व पर है। कनाडा में रह रहे विद्वान डॉ सैयद तकी आबिदी ने अपनी कलम से नैरंग सरहदी व उनके रचना संसार और व्यक्तित्व को नए आयामों के साथ पेश किया है। कुल तीन सौ पृष्ठों में पाठकों के सामने इस बेमिसाल शायर को पुख्ता अंदाज़ में उकेरा गया है। इस बात का अंदाजा पाठक लगा सकता है की अजीम शायर ने 500 के करीब ग़ज़लें नज़्में,कतआत,मसनवियातऔर रूबाईयत से गुलिस्तान -ए-उर्दू को रंगीन कर दिया।
नैरंग सरहदी की रचनाओं में अविभाजित भारत की यादें, बाद में दिल्ली और रेवाड़ी की बदलती हुई परिस्थितियों, लोगों के साथ साथ प्रशासन और मनोदशा के संजीदा और संवेदनाओं को झकझोरते प्रश्न उठाए गए हैं।
“ग़ज़ल में ज़ात भी है और कायनात भी है,।
हमारी बात भी है और तुम्हारी बात भी है।“
सेमिनार के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता लुआक्टा अध्यक्ष मनोज पांडेय तथा सह अध्यक्षता प्रो. दिलशाद अहमद अंसारी (प्राचार्य अमीरुदौला इस्लामिया डिग्री कॉलेज) एवं प्रो नसीम अहमद सिद्दिकी (प्राचार्य मुमताज पी जी कॉलेज) द्वारा की गईI इस सत्र में लगभग 15 शोध पत्र विश्वविद्यालय एवम विभिन्न महाविद्यालयों से आए हुए शिक्षको एवम शोधार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए।
इस संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन प्रो. रेशमा परवीन एवम सह संयोजन प्रो. चेतना सामंत द्वारा किया गया ,और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाओं एवम शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने सहयोग किया। यह संपूर्ण सेमिनार महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अंशु केडिया के निर्देशन में संपन्न हुई।