- शैल उत्सव: अखिल भारतीय समकालीन मूर्तिकला शिविर का छठा दिन
लखनऊ, 19 अक्टूबर 2024, campussamachar.com, वास्तुकला एवं योजना संकाय, टैगोर मार्ग परिसर ( Faculty of Architecture & Planning AKTU Lucknow) में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से हो रहे आठ दिवसीय समकालीन मूर्तिकला शिविर के छठें दिन सभी कलाकार अपने अपने मूर्तिशिल्प को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। प्रकृति विषय पर सभी कलाकार अपने भावनाओं को बखूबी पत्थर को तराश कर सुंदर मूर्तिशिल्प सृजित कर रहे हैं। वास्तव में यह सभी कलाकृतियां जब लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर लगेंगी तो एक अलग वातावरण का आभास होगा। अन्य प्रदेशों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी एक कला का सुंदर स्वरूप बनेगा। साथ ही आमजनमानस को समकालीन कला से जुड़ने का भी एक अवसर प्राप्त होगा। यह सुंदर प्रयास शिविर के क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल का है जिन्होंने इस प्रकार का शिविर नगर में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग आयोजित कराया।
कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि इस मूर्तिकला शिविर में कलाकारों द्वारा बना रहे मूर्तिशिल्पों को देखने के लिए लगातार नगर के कलाकार, छात्र, कलाप्रेमी, वास्तुविद आ रहे हैं। मूर्तिशिल्प बनते देखना एक अलग अनुभव और आनंद का विषय है। शनिवार को एक वरिष्ठ मूर्तिकार प्रो कृष्णचन्द्र बाजपेयी और कला प्रेमी राज वर्मा भी आये। उन्होंने इस प्रकार के कलाशिविर की प्रसंशा की। उन्होंने कहा कि यह एक अलग अनुभव है। और यह कलाकृति आमजनमानस को समकालीन मूर्तिशिल्प से अवश्य जोड़ेगी। वास्तुकला एवं योजना संकाय और लखनऊ विकास प्राधिकरण के यह सामुहिक प्रयास वाकई सराहनीय है।
शिविर डॉक्यूमेंटेशन टीम से रत्नप्रिया ने बताया कि शैल-उत्सव कला शिविर के छठे दिन सभी कलाकारों ने अपनी मूर्तियों को अंतिम चरण में बारीकियों को उकेरना प्रारंभ कर दिया है । इस शिविर में बन रही सभी कलाकृतियों के विषय तो समान है पर हर एक मूर्तिकार का उस विषय को व्यक्त करने का अपना अलग – अलग तरीक़ा है जिसकी झलक अब उनकी मूर्तियों में नज़र आ रही है । शिविर के कॉर्डिनेटर धीरज यादव ने बताया कि यहाँ आये सभी कलाकार कई वर्षों से अपनी विद्या में अभ्यासरत है और अपनी कला शैली में पारंगत है और इस शिविर में अपनी मूर्तियों को बखूबी तराशने का प्रयास कर रहे है।