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GGU News : एनआईआरएफ रैंकिंग 2022 के लिए बनाई समिति, प्रोफेसर सक्सेना बने संयोजक

बिलासपुर. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.) में नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग 2022 की तैयारी एवं आंकड़ों को जमा करने के लिए समिति गठित की गई है। कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल की अध्यक्षता में 01 नवंबर, 2021 को आयोजित आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार समिति का गठन किया गया है। सक्षम अधिकारी द्वारा एनआईआरएफ रैंकिंग 2022 हेतु गठित समिति इस प्रकार है-
1. प्रो. अमित कुमार सक्सेना – संयोजक
2. प्रो. पी.के. बाजपेयी – सदस्य
3. प्रो. जी.के. पात्रा – सदस्य
4. एच.एन. चौबे – सदस्य
5. डॉ. अनुराग चैहान – सदस्य

समिति गुरु घासीदास विश्वविद्यालय Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.) की एनआईआरएफ रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए आंकड़ों का संकलित करना, उनकी समीक्षा, डाटा अपलोडिंग आदि समस्त प्रक्रियाओं के दायित्वों का निवाज़्हन करेगी।
समिति आवश्यकता अनुरूप सक्षम अधिकारी के अनुमोदन हेतु उपसमितियों के गठन का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकेंगी। इस आशय का कायाज़्लयीय ज्ञाप विकास विभाग द्वारा जारी किया गया है।

सीयू में विद्यापरिषद का पुनर्गठन, तीन साल का होगा कार्यकाल

Guru Ghassidas Vishwavidayalaya Koni, Bilaspur, (C.G.) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल द्वारा केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के परिनियम 13 (संशोधित) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए विद्यापरिषद का गठन किया गया है। कुलपति द्वारा गठित विश्वविद्यालय की विद्यपरिषद इस प्रकार है-
परिनियम 13 (संशोधित) के अनुसार विद्यापरिषद की अध्यक्षता कुलपति करेंगे। सदस्यों के रूप में समकुलपति, विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, सदस्यों में विभिन्न शैक्षणिक विभागों/केन्द्रों के विभागाध्यक्ष, कुलपति द्वारा नामित पांच प्राध्यापक (विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठाता एवं विभागों के विभागाध्यक्षों को छोड़कर), पांच सह-प्राध्यापक, पांच सहायक प्राध्यापक जिनकों कुलपति द्वारा नामित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्रंथपाल विद्यापरिषद के सदस्य होंगे।
विद्यापरिषद में विश्वविद्यालय सेवा से बाहर के पांच सदस्यों को सदस्य के रूप में नामित किया जाता है जो शैक्षणिक क्षेत्र के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। इसके साथ ही अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं मुख्य कुलानुशासक इसके पदेन सदस्य होंगे। पदेन सदस्यों के अतिरिक्त विद्यापरिषद के सभी सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होगा, जो 30 अक्टूबर, 2021 से प्रारंभ होगा। इस आशय की अधिसूचना बैठक प्रकोष्ठ द्वारा जारी की गई है।

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