बिलासपुर , 2 अक्तूबर . campussamachar.com, पूर्णिमांत आश्विन माह और अमांत भाद्रपद माह की अमावस्या, सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के रूप में जानी जाती है। इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्र प्रारम्भ होते हैं अतः इस दिन महालया भी होती है। इस वर्ष यह तिथि 2 अक्टूबर को पड़ रही है। सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या को जाने अनजाने सारे पितरों के मोक्ष के लिए पिण्डदान किया जाता है। इनमें अपने पितर तो होते ही हैं, वे भी होते हैं जिनकी संतानें नहीं होती या जिनकी संतानें पिण्ड दान नहीं करतीं।
यह सर्वविदित है कि हमारे पूर्वजों के बहुत से वंशज इस्लाम और ईसाईयत में चले गए हैं। हो सकता है उनमें से कुछ हमारे ही परिवार के हों। निश्चय ही वे अपने पूर्वजों को पिण्डदान नहीं करते। ऐसे में उनके पूर्वज बिना पिण्ड और संतानों की श्रद्धा के बिना रह जाते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे धर्मान्तरित स्वजनों से अपने धर्म में वापस लौट आने का आग्रह करें। इस निमित्त यह निश्चय किया गया है कि हर सर्व-पितृ-मोक्ष-अमावस्या को #आग्रह_व्रत_दिवस #agrah_vrat_divas मनाया जाएगा और बिछड़े स्वजनों को लौटा आने का आग्रह किया जाएगा।
विनयकांतजी अल्प प्रवास पर आज बिलासपुर में
मानस मर्मज्ञ, प्रख्यात कथावाचक, श्रीधाम वृंदावनवासी आदरणीय आचार्य श्री विनयकांत जी महाराज जमशेदपुर में श्रीमद्भागवत कथा पूर्ण कर बुधवार दिनांक 2 अक्टूबर 2024 को उत्कल एक्सप्रेस से कथावाचन हेतु ग्वालियर जाते हुए दोपहर बिलासपुर रेलवे स्टेशन में भक्तों को आशिर्वाद देंगे। आयोजकों ने बाताया कि बिलासपुर के समस्त धर्मनिष्ठ श्रद्धालुओं से निवेदन हैं कि वे इस सुवसर का लाभ उठाते हुए महाराजश्री के दर्शन लाभ का सौभाग्य प्राप्त करें।