लखनऊ. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा टीजीटी व पीजीटी पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग की राह कठिन हो गई है। उन्हें जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से लेकर विद्यालय के प्रबंधक तक के शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। सबसे दुखद स्थिति यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी इस ओर आंख मूंदे बैठे हुए है।
स्थिति देखकर माध्यमिक शिक्षका संघ के प्रदेश महामंत्री इंद्रासन सिंह ने इस प्रकरण को उठाते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को एक पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है और तत्काल हस्तपेक्ष करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा टीजीटी व पीजीटी पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों को भेज दी गई है। माध्यमिक शिक्षक संघ के जनपदीय पदाधिकारियों द्वारा प्रांतीय नेतृत्व को अवगत कराया गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से नियुक्ति पत्र निर्गत करने की सूचना तथा संबंधित विद्यालय के प्रबंधकों द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान करने एवं विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने में चयनित अभ्यर्थियों को शोषण का शिकार होने के लिए मजबूतर होना पड़ रहा है।
यह स्थिति अंत्यंत खेदजनक एवं दुखद है। पत्र में आगे कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक से कहा गया है कि वे इन परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध एवं पारदर्शी शोषणरहित व्यवस्था के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण कराते हुए वेतन भुगतान कराने के आदेश देने की कृपा करें।
वेतन संरक्षण की सुविधा का भी मिले लाभ
संगठन के महामंत्री इंद्रासन सिंह ने एक और मामला उठाते हुए पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयन के पश्चात समान पद या उच्च पद पर नियुक्त शिक्षकों को राजाज्ञा संख्या ३२००/पंद्रह-८-२००४(११)/८४ दिनांक २८ जनवरी १९८५ के अनुसार वेतन संरक्षण की सुविधा प्राप्त है। संगठन के जनपदीय पदाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय संदर्भित राजाज्ञा का लाभ संबंधित पात्र शिक्षकों को प्रदान नहीं कर रहा है। ऐसे शिक्षकों को उनके पद पर वेतनमान न केप्रारंभिक सोपान पर ही वेतन भुगतान किया जा रहा है। फलस्वरूप इन शिक्षकों को हानि हो रही हे। यह स्थिति अंत्यंत चिंताजनक है।
माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश महामंत्री इंद्रासन सिंह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। साथ ही निदेशक का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए तत्क ाल प्रभाव से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।